पर्यटन पर निबंध Essay On Tourism In Hindi Language

Essay On Tourism In Hindi Language पर्यटन पर निबंध:  देशाटन अथवा पर्यटन किसी भी देश की प्रगति के लिए आवश्यक क्षेत्र हैं.

Essay On Tourism में हम जानेगे कि भारत में पर्यटन का स्तर  स्थिति देशाटन के लाभ हानियाँ प्रमुख दर्शनीय स्थल आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे.

पर्यटन के महत्व पर निबंध में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए यहाँ निबंध बता रहे हैं.

Essay On Tourism In Hindi पर्यटन पर निबंध

Essay On Tourism In Hindi पर्यटन पर निबंध

पर्यटन पर निबंध (300 शब्द)

पर्यटन एक ऐसी यात्रा को कहते है जो मनोरंजन या फुरसत के समय का आनंद उठाने के लिए की जाती है। पर्यटन से व्यक्ती को जीवन में एक नई उमंग और उत्साह भर जाता है।

जब हम किसी स्थान पर पर्यटन के लिए घूमने के लिए जाते है तो हमें वहां की संस्कृति और लोक जीवन के बारे में जानने को मिलता है।

हमें इस चीज का एहसास होता है की इस दुनिया में कितनी विवधता है , हमारे और इनके लोक जीवन और संस्कृति में कितना अंतर है। इस से हमारे दिमाग का दायरा बढ़ता है और सोचने समझने की एक गहरी समझ विकसित होती है।

पर्यटन से हमें हमारी दैनिक जीवन की परेशानियां को भूलकर एक रचनात्मक प्रवृति जागृत होती है , जिस से जीवन में अनेक रास्ते खुल जाते है। 

अगर हम भारत में प्रमुख पर्यटक स्थलों की बात करे तो ऐसे बहुत से स्थल है जहां आप अपनी रुचि और सुविधानुसार जा सकते है। भारत के प्रत्येक राज्य में धार्मिक , प्राकृतिक, ऐतिहासिक महत्व के पर्यटक स्थल मिल जाएंगे जो भारत की विशाल और धनी प्राचीन विरासत को दर्शाते है।

जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में जहां पहाड़ी राज्यों का अपना अलग पर्यटक महत्व हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान अपने थार के मरुस्थल और सम के धोरों के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश अपने धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। गोवा अपने समुंद्री पर्यटन के लिए विख्यात है। 

भारत में कई ऐसे एतिहासिक पर्यटक स्थल है , जो हमें हमारे गौरवशाली इतिहास को संजोये हुए है, उनमें अनेक दुर्ग, स्मारक और छतरियां शामिल है। भारत विश्व का एक प्रमुख पर्यटक केंद्र है।

वर्तमान सरकार भारत में पर्यटन के महत्व को समझते हुए अनेक नए कॉरिडोर निर्माण कर रही है। पर्यटन से हमारे रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। इस प्रकार पर्यटन का जीवन में बहुत महत्व है।

पर्यटन पर निबंध 500 शब्दों में

मानव प्रवृत्ति और पर्यटन – मानव मन कौतुहल एवं जिज्ञासा नामक वृतियों से आक्रान्त रहता हैं. इन वृतियों के कारण वह नवीन वस्तुओं को देखने, समझने, नवीन स्थलों के प्रति आकृष्ट होने एवं नवीन स्थानों की सैर करने के लिए सचेष्ट रहता हैं.

इस प्रकार नवीन स्थानों तथा विभिन्न भू भागों में भ्रमण करना ही पर्यटन कहा जाता हैं. पर्यटन करने से मनुष्य को भिन्न भिन्न भौगोलिक परिवेशों को देखने को सुअवसर प्राप्त होता हैं. और उनके ज्ञान की वृद्धि होती हैं.

पर्यटन की व्यवस्था -पर्यटन मानव की स्वच्छंद एवं उन्मुक्त जीवन पद्धति का एक अंश हैं. इसकी व्यवस्था प्रत्येक व्यक्ति की रूचि एवं देश विशेष के आधार पर हो सकती हैं.

वर्तमान युग में पर्यटन की व्यवस्था का काफी प्रसार हो गया हैं. और सारे विश्व के देशों का भ्रमण आसानी से किया जा सकता हैं.

फिर भी प्रत्येक यात्री के लिए यह आवश्यक हैं कि वह जिस देश की यात्रा पर जा रहा हो, वहां की रीती नीति, भाषा, खान पान तथा शिष्टाचार आदि का उसे ज्ञान हो.

उसे वहां के दर्शनीय स्थानों, ऐतिहासिक स्मारकों का भी ज्ञान होना चाहिए. इसके लिए उसे उस स्थान का मानचित्र एवं वहां की परिचयात्मक पुस्तिका अपने पास रखनी चाहिए.

यात्रा के लिए कुछ आवश्यक सामान साथ में ले जाना चाहिए. धन की व्यवस्था भी पूर्णरूप से होनी चाहिए. इस तरह की आवश्यक व्यवस्था हो जाने पर यदि कोई साथी या परिचित सहयात्री मिल जाए तो उसकी भी व्यवस्था करनी चाहिए.

सहयात्री मिल जाने पर बहुत सी सहायता मिल जाती हैं एवं मार्ग की परेशानियों का सामना किया जा सकता हैं.

पर्यटन से लाभ – मनुष्य को पर्यटन से अनेक लाभ होते हैं. इससे मनुष्य के ज्ञान का विस्तार होता हैं. विद्यार्थी जिन धार्मिक अथवा ऐतिहासिक स्थानों का वर्णन पुस्तकों में ही पढ़ पाते हैं.

उन स्थानों को प्रत्यक्ष रूप से देखने पर ज्ञान और अधिक बढ़ जाता हैं. दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर हड़प्पा और सारनाथ के भग्नावशेष अजन्ता और एलोरा की गुफाएं आगरा का ताज महल, दिल्ली का लाल किला, जयपुर का हवा महल एवं जंतर मन्तर आदि का साक्षात ज्ञान पर्यटन से ही किया जा सकता हैं.

विभिन्न भागों के रीती रिवाज खान पान सामाजिक परम्परा सभ्यता एवं प्राकृतिक वातावरण आदि समस्त बातों का ज्ञान पर्यटन से ही हो सकता हैं. पर्यटन से मनोरंजन भी होता हैं.

तो नयें लोगों से परिचय भी बढ़ता हैं. इससे अनुभव परिपक्व होता हैं. इस तरह पर्यटन काफी लाभकारी रहता हैं.

उपसंहार – इस नश्वर संसार में आकर मनुष्य ने यदि भिन्न भिन्न भागों को नहीं देखा, प्रकृति के सौन्दर्य का नजदीकी से अवलोकन नहीं किया, तो उसका अमूल्य जीवन वास्तव में व्यर्थ हैं.

पर्यटन से ऐसे कई नवीन मित्र बन जाते हैं. जो जीवन भर सहायता सहयोग करते रहेगे. अतः हमे चाहिए कि हम अपनी आर्थिक शक्ति तथा पारिवारिक स्थिति के अनुसार पर्यटन करें, अपना लोकानुभव निरंतर बढाते रहे. जीवन की सफलता के लिए पर्यटन परमावश्यक हैं.

700 शब्द : पर्यटन पर निबंध Essay On Tourism In Hindi

शिक्षा के प्रसार ने लोगों में विश्व के अलग अलग हिस्सों में जाकर वहां की जानकारी एकत्र करने की प्रबल इच्छा पैदा की. नयें अनुभव एवं ज्ञान का तो कारण हैं ही साथ ही हवाई परिवहन में प्रगति एवं पर्यटक सुविधाओं में विकास ने भी सीमाओं से बाहर निकलकर विचरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया हैं.

विशेष रूप से दूरस्थ एव पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के तंत्र के रूप में पर्यटन के महत्व को विश्व भर में पहचान मिली हैं. सकल राजस्व के साथ साथ विदेशी मुद्रा आय के मामले में यह सम्पूर्ण विश्व में एक वृहत सेवा उद्योग हैं.

पर्यटन के कई लाभ हैं. पर्यटन से न सिर्फ मनोरंजन होता हैं बल्कि यह शिक्षा एवं अनुभव प्राप्त करने का भी एक अच्छा साधन है. इसलिए स्कूल कॉलेजों में हर वर्ष छात्रों को पर्यटन के लिए किसी न किसी स्थान पर ले जाया जाता हैं. पर्यटन से व्यक्ति में नवजीवन का संचार होता हैं.

इसलिए लोग वर्ष में एक बार पर्यटन के लिए अवश्य समय निकालते हैं. जिन्दगी की इस भागदौड़ में पर्यटन का महत्व भी बढ़ गया हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यस्ततम जीवन में से समय निकालकर किसी न किसी स्थान पर घूमने के लिए जाते रहना चाहिए. इससे उस व्यक्ति के जीवन का वातावरण में भी बदलाव आता हैं.

ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन की स्थिति में इसका महत्व और भी बढ़ जाता हैं. इससे ऐतिहासिक घटनाओं को अनुभव करने का आभास होता हैं, जिन बातों का अनुभव हम ताजमहल और कुतुबमीनार को देखकर कर सकते हैं. उसे किसी भी किताब के माध्यम से बताया नहीं जा सकता.

पर्वत, पठारों, झीलों, नदियों की तस्वीरों या पाठ्यसामग्रियों से हमें इसके वास्तविक स्वरूप का ज्ञान नहीं हो सकता. नदी के पानी को छूकर देखने, पहाड़ों की सैर करने झीलों में नौका विहार का आनन्द लेने के बाद इनके बारे में जो अनुभव होता हैं, वह विभिन्न प्रकार की किताबों से भी प्राप्त नहीं हो सकता.

आधुनिक समय में पर्यटन का एक और लाभ यह हैं कि यह रोजगार का अच्छा साधन बन चुका हैं. भारत में भी यह एक बड़े सेवा उद्योग का रूप ले चुका हैं.

इसका योगदान देश के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी में 6.23 प्रतिशत हैं एवं कुल रोजगार में 8.78 प्रतिशत हैं. भारत में हर वर्ष 50 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं तथा 50 लाख से अधिक घरेलू पर्यटक भी पर्यटन के लिए आते हैं.

पर्यटन के दृष्टिकोण से पहाड़ी क्षेत्र समुद्री तट एवं जंगल काफी महत्वपूर्ण एवं आनन्ददायक होते हैं. समुद्री तट की सैर एवं सूर्य स्नान का अपना अलग ही आनन्द हैं.

जंगल के विविध प्राणियों को देखने का रोमांच ही अलग होता हैं. गर्मी के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों की सैर का आनन्द दुगुना हो जाता हैं.

भारत में प्रायः हर राज्य पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. आंकड़े बताते हैं कि आगरा का ताजमहल देखने प्रतिवर्ष लाखों देशी विदेशी पर्यटक आते हैं.

लोगों के पर्यटन के प्रति रुझान के कारण ही पर्यटन मंत्रालय ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2002 ई में अतुल्य भारत इनक्रेडिबल इंडिया की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत अतुल्य भारत सम्बन्धी विज्ञापन जन संचार के माध्यमों में प्रकाशित एवं प्रसारित किया जाता हैं.

इसमें भारतीय पर्यटन की विशेषताओं का उल्लेख किया जाता हैं. विश्वभर में इस प्रचार अभियान ने भारत को एक ऐसे पर्यटन स्थल के रूप में दर्शाया है जिसमें कलाप्रेमियों, संस्कृति प्रेमियों, फिल्म प्रेमियों और रोमांच की तलाश में निकले पर्यटकों की खासी दिलचस्पी हुई.

दुनियाभर के पर्यटकों के समक्ष भारत को एक उत्कृष्ट पर्यटक स्थल के रूप में पेश करने वाले इस अतुल्य भारत विज्ञापन अभियान को ब्रिटेन द्वारा सर्वाधिक सृजनात्मक मीडिया अभियान के रूप में सम्मानित किया गया.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने पुरानी हवेलियों, किलों, दुर्गों के अलावा 1950 से पूर्व निर्मित आवासीय भवनों में चल रहे होटलों के लिए हेरिटेज होटल नाम का नया वर्ग बनाया हैं.

इसके अलावा भारत सरकार ने 2002 में नई राष्ट्रीय पर्यटन नीति घोषित की हैं, जिसमें देश को इस क्षेत्र में एक ग्लोबल ब्रांड बनाने की बात कही गई थी.

बहरहाल भारत मनमोहक दृश्यों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों तथा शानदार शहरों, सुनहरें तटों, धुंध वाले पर्वतों, रंग बिरंगे लोगों, सम्रद्ध संस्कृति और त्योहारों का देश हैं. यह विदेशी यात्रियों के लिए लोकप्रिय गन्तव्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी पहचान बना रहा हैं.

भारत की यात्रा पर्यटकों के लिए असाधारण होती है, क्योंकि आश्चर्यों से भरे इस देश में दक्षिण के सुंदर समृद्ध तट उत्तर में प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष, विशाल पर्वत, लम्बी घाटियाँ, हरे भरे मैदान एवं उष्णकटिबंधीय वर्षावन जैसे दिलकश नजारे लोगों का मन मोहते हैं.

इसलिए कहा जाता हैं कि यदि आप विश्वभ्रमण कर चुके हैं, तो आपने अब तक केवल आधी दुनियां ही देखी है, और यदि आपने भारतीय उप महाद्वीप का भ्रमण कर लिया हैं.

तो आपने पूरी दुनियां देख ली हैं. अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और परम्परागत आध्यात्मिकता के कारण भारत प्राचीन काल से ही विश्वभर के उत्साही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा हैं.

पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा दिए जाने के बाद भारत में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई हैं. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में भी भारत की साख बढ़ी हैं.

इस तरह पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत वास्तव में दुनिया में अतुल्य हैं. आने वाले कुछ वर्षों में भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में निसंदेह और वृद्धि होगी.

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पर्यटन पर निबंध – Essay on tourism in Hindi

पर्यटन पर निबंध (Essay on tourism in Hindi): पर्यटन का दूसरा नाम भ्रमण है. हम पुस्तक पढ कर ज्ञान प्राप्त करते हैं. पर उससे अधिक ज्ञान हमें पर्यटन से मिलता है. पुस्तक से पढी हुई बातें पर्यटन से प्रत्यक्ष हो जाती है. पर्यटन ज्ञानवृद्धि का उत्तम साधन होता है. प्राचीन काल में पर्यटन की सुविधा नहीं थी. उस समय पैदल चल कर भी लोग पर्यटन करते थे. लेकिन आजकल पर्यटन के लिए मोटर, रेलगाडी, हवाई जहाज आदि साधन हमें मिलते हैं. पर्यटन से हमारा बहुत लाभ होता है. हमारी दृष्टी विशाल हो जाती है. हमारे शरीर पर भी पर्यटन का गहरा प्रभाव पडता है. स्वास्थ्य परिवर्तन के लिए कुछ लोग पर्यटन करते हैं. हमें शिक्षा संबंधी ज्ञान प्राप्त होता है. विभिन्न प्राकृतिक दृश्य देखने से हमे अपार आनंद मिलता है. मन की थकावट दूर होती है. पर्यटन से भातृभावना बढती है.

तो चलिए हमारे लेख के और बढ़ते हैं जो है पर्यटन पर निबंध (Tourism essay in Hindi).

विशिष्ट लक्ष्यों और दृष्टिकोणों के साथ देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करना और उस स्थान की सभी घटनाओं की खोज करना और अनुभूति पाप्त करना को पर्यटन कहा जाता है. हालांकि पर्यटन प्राचीन काल से ही मानव समाज में प्रचलित रहा है, समय के साथ इसमें अप्रत्याशित विकास हुआ है. आधुनिक मानव जीवन में पर्यटन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आजकल पर्यटन किसी व्यक्ति की कल्पना तक सीमित नहीं है. आधुनिक युग में, इसे एक उद्योग माना जाता है. दुनिया के अधिकांश देश पर्यटन उद्योग के विकास के लिए कदम उठा रहे हैं.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

यात्रा एक प्राचीन मानव की प्रवृत्ति थी. भोजन की तलाश में वह विभिन्न स्थानों की यात्रा करता था. प्राचीन मनुष्य के खानाबदोश जीवन से उसकी विभिन्न स्थानों की यात्रा की जानकारी मिलती है. केवल पर्यटन की पृष्ठभूमि पर सभी प्राचीन सभ्यताएं विकसित हुई थी. इतिहास पढ़ने से यह पता चलता है की मेगस्थनीज, फाहियान, ह्वेन त्सांग आदि देशों के पर्यटक विभिन्न देशों की यात्रा करके उसी देश के शिक्षा, सभ्यता, संस्कृति, शासन और सामाजिक जीवन पर ज्ञान प्राप्त किये थे. इसलिए, प्राचीन समय से, पर्यटन मानव जिज्ञासा और अनुसंधान को पूरा करने और विकास के मार्ग में मानव समाज का मार्गदर्शन करने में मदद करने में सक्षम रहा है.

paryatan par nibandh

पर्यटन के लाभ

पर्यटन का क्षेत्र बहुत विस्तृत है. यह आपका राज्य या देश के विभिन्न स्थानों से शुरू होकर पृथ्वी की सतह पर कहीं भी यात्रा करने के लिए पर्याप्त है. पर्यटन के परिणाम स्वरूप, विभिन्न स्थानों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित होता है. इसलिए यह पर्यटकों के ज्ञान और दृष्टिकोण को समृद्ध करता है. विभिन्न स्थानों और देशों की यात्रा करने से उस सब स्थान के सभ्यता, संस्कृति,  सामाजिक रीति-रिवाजों आदि का सटीक ज्ञान प्राप्त होता है. इन सबका लाभ पर्यटकों को मिलता है. इसलिए, पर्यटन देशों के बीच प्रेम, सद्भावना, भाईचारे और दोस्ती को बढ़ाकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है. विभिन्न स्थानों की यात्रा करने से पर्यटकों को बहुत अधिक मानसिक संतुष्टि मिलती है. बहुत सी नई जगहों और चीजों को देखकर और अजनबियों के संपर्क में आने से इंसान के मन को खुशी मिलती है. पर्यटन द्वारा विभिन्न स्थानों में आर्थिक स्थिति और राजनीतिक स्थिति के बारे में विचार बनाता है. इससे पर्यटकों के आर्थिक विकास और राजनीतिक चेतना का विकास होता है. पर्यटन धर्म के प्रचार और राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है.

शिक्षा और अनुसंधान में पर्यटन की आवश्यकता

पर्यटन शिक्षा और अनुसंधान के लिए आवश्यक है. साहित्य, भूगोल, इतिहास आदि का अध्ययन करने के लिए पाठ्य पुस्तकें पर्याप्त नहीं हैं. तो इन सभी विषय में प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करने के लिए पर्यटन की आवश्यकता है. आप ताजमहल के बारे में चाहे जितनी भी जानकारी इकट्ठा कर लें, जब तक आप उस जगह की यात्रा नहीं करते हैं तब तक आपको उस जगह के बारे में पर्याप्त ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते. पर्यटन शिक्षा प्रणाली से निकटता से जुड़ा हुआ है. पर्यटन के परिणामस्वरूप, एक छात्र का ज्ञान बढ़ता है और उसका सामाजिक दृष्टिकोण बदल जाता है. यह उसकी मानसिक शक्ति के विकास को गति देता है. किसी भी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक या वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पर्यटन की आवश्यकता होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रासंगिक अनुसंधान के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा करना आवश्यक है.

आधुनिक युग में पर्यटन उद्योग का विकास

आधुनिक युग में, पर्यटन को एक उद्योग माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विभिन्न पर्यटन स्थलों का विकास होने से यह बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करेगा नतीजतन, यह अप्रत्यक्ष रूप से राज्य या देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा. इसलिए, आज दुनिया भर के कई देश पर्यटन उद्योग के विकास पर ध्यान दे रहे हैं. हमारे देश भारत के पास इसके लिए एक विशेष विभाग है.

पर्यटन मानव जीवन के सभी पहलुओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह न केवल देश के भीतर राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में मदद करता है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना की स्थापना को भी मजबूत करता है. अगर सरकार और जनता इस बारे में जागरूक होंगे और एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे तो पर्यटन उद्योग के और बढ़ने की उम्मीद है.

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ये था पर्यटन पर निबंध (Essay on tourism in Hindi). उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.    

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भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019 – निबंध

Essay in hindi.

Tourism Development in India / भारत में पर्यटन विकास : उपलब्धियाँ और चुनौतियांँ – Full Essay 2019 in Hindi |  भारत में पर्यटन विकास पर निबंध |

आधार-बिंदु : 1. एक पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता 2. विश्व पर्यटन और भारत 3. भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ 4. भारत में पर्यटन की समस्याएंँ 5. स्वतंत्रता के बाद पर्यटन 6. भारत की पर्यटन नीति 7. पर्यटन विकास के लिए आयाम 8. पर्यटन विकास के लिए जरूरी क़दम

पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

विश्व अब एक गांँव की तरह है । दुनिया के देशों के आपसी संबंध उनके बीच ज्ञान, संस्कृति एवं भौतिक वस्तुओं का आदान-प्रदान दो मोहल्लों के बीच के आदान-प्रदान की तरह हो गया है । परिवहन एवं दूरसंचार ने दुनिया के देशों को सचमुच निकट ला दिया है । फिर दुनिया में बढ़ती जा रही मनुष्य की आर्थिक सामर्थ्य और जिज्ञासा एक देश के लोगों को दूसरे देश के निकट लाती जा रही है, इसलिए संपूर्ण विश्व में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है । अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन न केवल आधुनिक युग की देन है बल्कि इसके प्रसार की गति भी आधुनिकता की रफ्तार से जुड़ी हुई है । बिना कुछ निर्यात किए पर्यटन से आमदनी तो प्राप्त होती ही है इससे रोजगार की वृद्धि, विदेशी मुद्रा की प्राप्ति तथा सांस्कृतिक संबंधों में प्रगाढ़ता भी मिलती है । इसलिए पर्यटन एक आर्थिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक उद्योग है । दुनिया के सभी देश पर्यटन को विकसित करने की ओर सजगता से उन्मुख है । विश्व पर्यटन और भारत :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, इटली इत्यादि सर्वाधिक पर्यटकों को आकृष्ट करने वाले देश है, किंतु भारत का स्थान काफी नीचे हैं । विश्व में पर्यटन से होने वाली आय 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर में भारत का हिस्सा मात्र 0.44 प्रतिशत है । भारत की भौगोलिक विविधता, सुदीर्ध एवं सांस्कृतिक परंपरा की समृद्धि तथा कम खर्च के बावजूद हम भारत को पर्यटकों के लिए अपेक्षाकृत आकर्षक नहीं बना सके है और संसार के कुल पर्यटकों में से मात्र 0.33 प्रतिशत पर्यटकों को ही भारत की ओर आकृष्ट कर पा रहे हैं ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत पर्यटकों को स्वर्ग हो सकता है । हमारे यहांँ हिमालय, सागर, रेगिस्थान, पहाड़, जंगल, नदिया, झीले हैं । हजारों वर्षों की परंपरा लिए हुए गुफाएंँ, किले, महल, हवेलियांँ, बावड़ीयाँ, पनघट हैं । उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक सांस्कृतिक विभिनता लिए वेशभूषा, पूर्व-त्योहार, मेले-उत्सव, रीति-रिवाज है । देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए इतनी कौतुकभरी समृद्ध विविधता है कि भारत पर्यटक की दृष्टि से अग्रणी देश हो सकता है और भारत के अन्य उद्योगों को चमकाता हुआ पर्यटन उद्योग अपनी चमकदार छटा बिखेर सकता है । भारत में पर्यटन की समस्याएंँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर भारत के पर्यटन में कुछ गंभीर समस्याएं भी हैं । भारत में बढ़ रहा आंतकवाद आरामदेह और तीव्रगामी परिवहन साधनों की कमी, रेल तथा हवाई यात्रा की अनिश्चितता, वायु तथा रेल यातायात में समन्वय की कमी, प्रतिवर्ष यात्रा किराये में वृद्धि, सस्ते, आरामदेह, शांत, स्वच्छ एवं सुविधाजनक आवास की कमी, प्रशिक्षित एवं सुसभ्य गाइडों का अभाव, गंदगीयुक्त वातावरण का होना, विद्युत एवं संचार व्यवस्था में अव्यवस्था, पर्यटन संबंधी सूचनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार की कमी, पर्यटन सूचना केंद्रों की कमी एवं उनमें व्याप्त अराजकता, पर्यटकों की इच्छा अनिच्छा की समझ का अभाव, राष्ट्र के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की सुरक्षा की अपर्याप्तता, पर्यटको की सुरक्षा की कमी तथा पर्यटकों के साथ शालीन एवं ईमानदार व्यवहार की कमी आदि कुछ ऐसी समस्याएँ है जिनके कारण भारतीय पर्यटन उद्योग तेजी से उन्नत नहीं हो पा रहा है । उक्त समस्याओं के कारण विशेषकर विदेशी पर्यटक भारत में आने से हिचकिचाता है । स्वतंत्रता के बाद पर्यटन :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने पर्यटन के विकास पर ध्यान देना प्रारंभ किया है । 1949 में परिवहन मंत्रालय में ही ‘पर्यटक आवागमन कमेटी’ का गठन किया गया । 1955-56 में उसका नया नाम पर्यटन विभाग रखा तथा 1965 में परिवहन एवं पर्यटन विभाग कर दिया गया । 1966 में पर्यटन विभाग को नागरिक उड्डयन विभाग से जोड़ दिया गया और इसी वर्ष ‘भारतीय पर्यटन विकास निगम’ की स्थापना की गई जिसने पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत कार्य किया । भारतीय पर्यटन विकास निगम सार्वजनिक क्षेत्र में एक अर्द्ध स्वायतशासी संस्था है जो पर्यटन विभाग से निकट संपर्क रखती हैं । यह संस्था देश में होटलों व यात्री-आवासों की एक श्रृंखला को चलाती एवं नियंत्रित करती है । पर्यटकों के लिए परिवहन सुविधाओं, प्रचार-प्रसार सामग्री, उनके मनोरंजन के साधन तथा हवाई-अड्डों पर शुल्क मुक्त दुकानों का संचालन करती है । इसके अलावा विभिन्न प्रदेशों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग को विकसित करने का कार्य भी इस ‘निगम’ द्वारा संपन्न होता रहा है ।

भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019  

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भारत की पर्यटन नीति :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत के पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन छठी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 8 नवंबर, 1982 को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन की प्रथम राष्ट्रीय नीति को संसद में प्रस्तुत करने में आया । नीति के जो मुख्य उद्देश्य रखे हुए हैं उनमें- आपसी भ्रमण के माध्यम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ाना; पर्यटन के विकास के माध्यम से विश्व की विचारधारा, जीवन के तरीकों और विकास की तकनीकी का ज्ञान करना; पैतृक संपदा एवं संस्कृति को बनाए रखने, नष्ट होने से बचाने और समृद्ध बनाने के लिए प्रचार-प्रसार करना, पर्यटन के समुदाय के लिए आर्थिक एवं सामाजिक लाभ प्राप्त करना अर्थात रोजगार के अवसरों में वृद्धि, आय का सृजन, राजस्व की प्राप्ति, विदेशी विनियम का अर्जन और मानव व्यवहार में सुधार करना तथा पर्यटन के विकास से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एकीकरण की विचारधारा को युवक-युवतियों में विकसित करना एवं मेलों-खेलों आदि के द्वारा राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना आदि सम्मिलित हैं । हाल ही में भारत सरकार पर्यटन को संविधान की समवर्ती सूची में सम्मिलित करना चाहती है ताकि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की भागीदारी बन सके । पर्यटन विकास के लिए आयाम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर्यटन नीति से युवकों हेतु होस्टल और अन्य विकास पर बल दिया गया है, चयनात्मक यात्रा-भ्रमण-पद्धति को अपनाया गया है तथा पर्यटकों के लिए सुविधाओं की आधारभूत संरचनाओं में वृद्धि करने पर जोर दिया गया है । नीति के विपणन व्यूह रचना से यात्री सुविधा बढ़ाने पर बल दिया है, बौद्ध धर्म-स्थलों पर यात्री सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया गया है । पर्यटन को एक अंतर-अनुशासन का विषय बनाया गया है ताकि विभिन्न स्तर की सरकारें विभिन्न स्तर के व्यापारियों के साथ समन्वित रूप से कार्य कर सकें ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com सातवीं पंचवर्षीय योजना भारतीय पर्यटन उद्योग के विकास की दृष्टि से मील का पत्थर रही है । इस योजनावधि के दौरान पर्यटन को विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की भावी संभावनाओं के रूप में स्वीकारा गया तथा इसे उद्योग का दर्जा भी दिया गया । 11वीं पंचवर्षीय योजना में अब राजस्थान सहित अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसे उद्योग घोषित कर दिया है तथा पर्यटन के कार्य-कलापों में निवेश के लिए निजी उद्यमियों को बहुत से प्रोत्साहन उपलब्ध कराए गए हैं । सन 1989 में ‘पर्यटन वित्त निगम’ की स्थापना की गई जो होटल, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क आदि पर्यटन सुविधाओं के लिए वित्त उपलब्ध कराता है । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के विकास के लिए सहायता योजना के अंतर्गत भी अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई है । वर्ष 1991 को ‘भारतीय पैटर्न वर्ष’ घोषित कर के पर्यटकों को आकृष्ट करने के लिए विभिन्न गतिविधियों पर जोर दिया गया । आठवीं पंचवर्षीय योजना में पर्यटन सेवा हेतु निजीकरण को अपनाने पर विशेष बल दिया गया है । इस योजना में विदेशी पर्यटन के साथ-साथ देशी पर्यटन के विकास पर भी बल दिया गया । ‘विशेष पर्यटन क्षेत्र’ योजना के अंतर्गत पर्यटन की संभावनाओंवाले नए क्षेत्र स्थलों की तलाश कर विकास प्रारंभ किया । बिहार में भगवान बुध्द से संबंधित स्थानों और महाराष्ट्र में अजंता एलोरा के विकास हेतु परियोजनाएं विदेशी वित्तीय सहायता से आरंभ की गई है । ‘आगरा सांस्कृतिक विकसित परियोजना’ भी चल रही है । फिर भी भारत की कुल राष्ट्रीय आय का 2% पर्यटन से प्राप्त होता है जबकि हम पर्यटन विकास पर प्रतिवर्ष कुल सार्वजनिक व्यय का मात्र 0.2 प्रतिशत खर्च करते हैं । इस प्रकार निवेश की कमी भी पर्यटन के समुचित विकास में बाधक है । पर्यटन विकास के लिए ज़रूरी कदम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

वर्तमान में भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए एक ओर देश में फैले पर्यटन केंद्रों को तीव्र एवं सुविधाजनक परिवहन साधनों से जोड़ना आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ना जरूरी है । पर्यटन से जुड़े सभी संस्थानों में योग्य, अनुभवी एवं प्रशिक्षित अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए तथा विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी एवं दुर्व्यवहार करने वाले दोषी व्यक्तियों को कठोर करनेवाले करवाने में मदद करनी चाहिए । विश्राम गृहों एवं सूचना केंद्रों पर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान रखनेवाले प्रशिक्षित गाइड नियुक्त करने चाहिए । देश में सुरक्षा एवं शांति का माहौल भी पर्यटन के लिए बहुत आवश्यक है । कई बार पर्यटकों के अपरहण हो जाने से भारतीय पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है । पूर्व में भारत-पाक संबंधों के तनावपूर्ण रहने एवं आतंकवादी गतिविधियों ने भारतीय पर्यटन को दुष्प्रभावित किया है किंतु अब इस दिशा में हो रहे अनुकूल वातावरण से भारतीय पर्यटन में चमक आ रही है ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन देश की सांस्कृतिक पहचान एवं आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण एवं विकासशील उद्योग है ही साथ ही यह भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ संस्कृति का विश्व-संस्कृति के साथ आदान-प्रदान करने का भी महनीय कार्य है किंतु इसकी गति तीव्र करने के लिए सरकार के पर्यटन विभाग एवं पर्यटन निगम के अलावा स्वैच्छिक संस्थाओं, निजी उद्यमियों एवं आम जनता के सहयोग की आवश्यकता है । यदि हम हमारे मेहमानों के प्रति भारतीय परंपरा के अनुसार ‘अतिथि देवोभव’ के भाव में शालीन-सुसंस्कृत व्यवहार करेंगे तो हमें अर्थ को प्राप्त होगा ही साथ ही भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को विश्वभर में पहुंचा कर गौरवान्वित भी होंगे ।

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Essay on importance of tourism in hindi.

Essay on tourism in Hindi for all students of class 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Most students find difficulty in writing essay on new topics but you don’t need to worry now. Read and write this essay in your own words. Learn about an essay on Tourism in Hindi 1000 words. पर्यटन का महत्त्व पर निबंध।

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Essay on Tourism in Hindi 200 Words

पर्यटन का महत्त्व – विचार – बिंदु – • पर्यटन का आनंद • पर्यटन के लाभ • पर्यटन : एक उद्योग • पर्यटन के प्रकार।

पर्यटन का अर्थ है – घूमना। बस आनंद-प्राप्ति और जिज्ञासा-पूर्ति के लिए घूमना। ऐसे पर्यटन में सुख ही सुख है। ऐसा पर्यटक दैनंदिन जीवन की भारी-भरकम चिंताओं से दूर होता है। वह रसपिपासु होता है। पर्यटन से हमें देश विदेश के खान-पान, रहन-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी मिलती है। इससे हमारे मन में बैठे हुए कुछ अंधविश्वास टूटते हैं, पर्वधारणाएँ समाप्त होती हैं। हमें यह विश्वास होता है – विश्व-भर का मानव मूल रूप से एक है। राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है।

वर्तमान समय में पर्यटन एक उद्योग का रूप धारण कर चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू काश्मीर आदि पर्वतीय स्थलों की अर्थ-व्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। आज पर्यटन करना सुविधापूर्ण हो गया है। प्रायः सभी प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर होटलों, भोजनालयों, विश्रामगृहों, मनोरंजन-स्थलों यातायात के साधनों की भरमार हो गई है। पर्यटन-स्थल अनेक प्रकार के हैं। कुछ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात हैं। कुछ धार्मिक महत्त्व के हैं। कुछ पर्यटन-स्थल ऐतिहासिक महत्त्व के हैं। जैसे-लाल किला, ताजमहल आदि। कुछ पर्यटन-स्थल वैज्ञानिक, सांस्कृतिक अन्य महत्त्व रखते हैं।

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Essay on Tourism in Hindi 800 Words

मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। वास्तव में मानव की प्रगति का इतिहास उसकी जिज्ञासु प्रवृत्ति का ही परिणाम है। अपनी जिज्ञासा के कारण ही वह प्रकृति के गूढ़ रहस्यों का पता लगा सका। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। देश-देशांतर की संस्कृति, सभ्यता, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक विशेषताओं के प्रत्यक्ष ज्ञान की जिज्ञासा ही उसे घर के ऐशो-आराम, सुख-सुविधा छोड़कर अनजान, दुर्गम और बीहड़ रास्तों पर घुमाती रही है।

यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता, किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कुछ ऐसा ही होता है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के घने देवदार के वनों और हिमगिरि के उत्तुंग शिखर के सौंदर्य, रूप, गंध का अनुभव करना।

पर्यटन, घुमक्कड़ी का ही आधुनिक नाम है। आज के पर्यटन के पीछे भी मनुष्य की वही पुरानी घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रभाव है। आज भी जब वह देश-विदेश के विभिन्न स्थानों की खूबियों के बारे में सुनता-पढ़ता है, तो उन्हें निकट से देखने, जानने के लिए उत्सुक हो उठता है और वह अपनी सुविधा और अवसर के अनुसार उस ओर निकल पड़ता है। आदिम घुमक्कड़ और आज के पर्यटक में इतना अंतर अवश्य है कि आज पर्यटन उतना कष्ट-साध्य नहीं जितनी घुमक्कड़ी थी। ज्ञान-विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषणों की जादुई शक्ति के प्रताप से सुलभ साधनों के कारण आज पर्यटन पर निकलने के लिए अधिक सोच-विचार की आवश्यकता नहीं होती। मात्र सुविधा और संसाधन चाहिए, किंतु इतना अवश्य मानना पड़ेगा कि पर्यटक बनने का जोखिम भरा आनंद तो उन पर्यटकों को ही आया होगा जिन्होंने अभावों और विषम परिस्थितियों से जूझते हुए देश-विदेश की यात्राएँ की थीं। फाह्यान, वेनसांग, अलबेरुनी, इब्नबतूता, मार्को पोलो आदि ऐसे ही यात्री रहे होंगे।

आज पर्यटन एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। इस उद्योग के प्रसार के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय बनाए गए हैं।

सारे विश्व भर में पर्यटकों की सुवधा के लिए बड़े-बड़े पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। कई महत्त्वपूर्ण, पर अब तक उपेक्षित ऐतिहासिक स्थलों को सजाया-संवारा जा रहा है। हमारे देश का पर्यटन विभाग, पुरातत्त्व विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में विशेष तौर पर क्रियाशील है। मनोरम पहाड़ी स्थलों पर पर्यटक आवास स्थापित किए जा रहे हैं। पर्यटकों के निवास और भोजन आदि की व्यवस्था के लिए नए-नए होटलों, लॉजों और पर्यटन-गृहों का निर्माण एवं विकास किया जा रहा है। यातायात के सभी प्रकार के सुलभ एवं आवश्यक साधनों की व्यवस्था की जा रही है।

विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सभी देश अपने दूतावासों के माध्यम से अपने-अपने देश की भव्यता, दर्शनीयता के बारे में विदेशों में व्यापक एवं सुनियोजित प्रचार करते हैं। इस प्रकार पर्यटन-संस्कृति का विकास हो रहा है। इतना ही नहीं, आज पर्यटन पर्याप्त लाभ देने वाला उद्योग बन चुका है। यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक बड़ा स्रोत बन गया है। जैसे उद्योगपति या व्यापारी अपनी वस्तु की बिक्री के लिए ईश्तहारबाजी करता है, उसी तरह पर्यटन को भी एक वस्तु बनाकर उसका प्रदर्शन और प्रचार किया जा रहा है। इसके लिए रंगीन पुस्तिकाएं, आकर्षक पोस्टर, रंगदार ब्रोशर, पर्यटन स्थलों के रंगीन चित्र, उपलब्ध सुविधाओं का विस्तृत ब्योरा आदि प्रचार सामग्री विमानपत्तनों, रेलवे स्टेशनों, बड़े-बड़े होटलों और देश-विदेश के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर देखी जा सकती हैं। इसे नि:शुल्क वितरित एवं प्रदर्शित किया जाता है।

पर्यटन के प्रति रुचि जागृत करने के लिए कई बार वृत्तचित्र भी तैयार किए या करवाए जाते हैं। इसमें किसी एक विशिष्ट स्थल की झाँकी प्रस्तुत की जाती है। विशेष स्थलों या प्रदेशों में बने कथाचित्र भी प्रदर्शन के बाद लोगों के मन में प्रदर्शित स्थल को देखने की लालसा जगा देते हैं। कई बार देश-विदेश में भ्रमण करने वाली नृत्य-संगीत आदि की मंडलियाँ भी इस कार्य में सहायक होती हैं। इन सबके परिणामस्वरूप आज पर्यटन के प्रति निश्चय ही अभिरुचि की वृद्धि हो रही है।

आनंद प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय के अतिरिक्त पर्यटन के और भी कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ हैं। पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है और विकसित होती है। प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। सभ्यता और संस्कृतियों का परिचय मिलता और बढ़ता है। पर्यटन के माध्यम से किसी देश और उसकी संस्कृति के सम्बन्ध में फैली भ्रांतियों का भी निराकरण हो जाता है। आज हम अंतर्राष्ट्रीय युग में जी रहे हैं। आज जिस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, पर्यटन उसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है, उसे अपनी वास्तविकता का अहसास होता है। अपने पर्यावरण से बाहर कठिन परिस्थितियों में जीने का अभ्यास होता है। आत्म-साक्षात्कार का अवसर मिलता है। पर्यटन उस एकरसता से उत्पन्न ऊब का भी परिहार करता है जो एक ही स्थान पर, एक जैसे ही वातावरण में लगातार रहने से उत्पन्न हो जाती है। पर्यटन मनुष्य को उसकी कल्पना की दुनिया से निकालकर यथार्थ की भूमि से जोड़ता है।

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Essay on Tourism in Hindi 1000 Words

पर्यटन व्यवसाय

पर्यटन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वभाव रहा है। घूमना-फिरना भी मनुष्य के जीवन को आनन्द और मस्ती से भर देता है। इसका पता लोगों ने बहुत पहले ही लगा लिया था। पहले लोग पैदल चलकर या समुद्र मार्ग से लम्बी-लम्बी दूरियां तय कर अपने भ्रमण के शौक को पूरा करते थे। कुछ लोग ऊंटों, घोड़ों आदि पर चढ़कर समूह यात्रा करते थे, हालांकि ऐसी कई यात्राएं व्यापार के उद्देश्य से भी की जाती थीं। परन्तु ऐसे लोगों की भी कमी नहीं थी जो यात्रा तो व्यापार, शिक्षा प्राप्ति या राजा के दूत बनकर करते थे परन्तु उनकी यात्रा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण बन जाती थी। ये लोग दूसरे देश की संस्कृति का अध्ययन कर अपने अनुभवों को ग्रंथ रूप में लिख देते थे।

जहाँ तक भारत के लोगों की बात है, हमारे यहां धार्मिक दृष्टि से की गई यात्राओं की बड़ी महत्ता रही है। यहां के लोग धर्म स्थानों की यात्रा को बहुत महत्त्व देते रहे हैं। आदि शंकराचार्य ने अल्प आयु में ही पूरे देश का भ्रमण कर देश के चारों कोनों में चार धर्मपीठों की स्थापना की। इन धर्मपीठों की व्यवस्था आज भी कायम है। सम्राट् अशोक ने बुद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपने विभिन्न दूत एशियाई देशों में भेजे। उनका यह धार्मिक अभियान इतिहास में काफी सफल माना गया। परन्तु मध्य युग में स्थिति में काफी बदलाव आ गया। भारतीय लोगों में यह भ्रांत धारणा उत्पन्न हो गई कि समुद्र लांघ कर की गई यात्रा से धर्म भ्रष्ट हो जाता है। अत: किसी भी भारतीय की समुद्रपारीय यात्रा का वर्णन नहीं मिलता।

आधुनिक युग में पर्यटन सम्बन्धी सभी भ्रांतियां समाप्त होने तथा आवागमन के साधनों के क्षेत्र में आए भारी बदलावों के कारण पर्यटन एक व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है। विभिन्न देशों के लोग दुनिया के अन्य देशों में जाकर वहां की सभ्यता और संस्कृति को निकट से देखने-समझने का प्रयास करते हैं। अनेक लोग देश के प्रमुख स्थलों की यात्रा कर देश के पर्यटन व्यवसाय को उन्नत करने में अपना योगदान देते हैं। आधुनिक युग में पर्यटन को एक व्यवसाय का रूप देने में लोगों की बढ़ती आर्थिक समृद्धि का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। पर्यटन में अच्छा खासा धन व्यय होता है। अत: धनी और उच्च मध्यवर्गीय श्रेणी के लोग ही प्रमुख रूप से पर्यटन में दिलचस्पी दिखाते हैं। इन्हीं साधन-सम्पन्न लोगों की बदौलत दुनिया का पर्यटन व्यवसाय टिका हुआ है।

भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं परन्तु दुर्भाग्यवश इन संभावनाओ का भरपूर दोहन नहीं हो पाया है। हमारा देश बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है। यहां पर पर्यटन स्थलों की भी भरमार है परन्तु दुनिया भर के पर्यटन व्यवसाय में से भारत का हिस्सा नगण्य ही कहा जा सकता है। थाईलैंड जैसा छोटा सा एशियाई देश हमारी तुलना में कई गुणा अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर पाने में सक्षम है। पर्यटन की दृष्टि से हमारे पिछड़ेपन के कई कारण हैं, जिसमें से प्रमुख कारण है – पर्यटकों को आकर्षित करने वाली सुविधाओं का अभाव।

पर्यटक स्थलों को साफ-सुथरा रखना, पर्यटन स्थलों तक पहुंच को आकर्षक बनाना, लोगों के निवास, भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था करना, पर्यटन स्थलों को मनोरंजन से भरपूर बनाना, सड़क और संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना, लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रचार करना आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें व्यावहारिक रूप देकर ही देश के पर्यटन उद्योग को विकसित किया जा सकता है।

हमारी खस्ताहालत सड़कें, ट्रेनों में शीघ्र आरक्षण न मिलना, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी आदि पर्यटन व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। दूसरी ओर कश्मीर, आसाम तथा अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में व्याप्त हिंमा देश के पर्यटन के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो रही है। देश में ऐतिहासिक स्थल बहुत है परन्तु आस-पास का क्षेत्र प्रदूषण और गंदगी की चपेट में है। देश की राजधानी दिल्ली को ही लें। लाल किले तथा जामा मस्जिद का क्षेत्र, बाजार और संकीर्ण गलियों के कारण आकर्षण से विहीन बना हुआ है जबकि इस क्षेत्र को दिल्ली का हृदयस्थल कहा जाता है। विश्व की आश्चर्यजनक एवं अलौकिक इमारत ताजमहल की भी घोर अपेक्षा की गई है। आगरा देश के सर्वाधिक गंदे शहरों में से एक है तो हम कैसे आशा कर सकते हैं कि देश का पर्यटन व्यवसाय दिन-दुगनी रात चौगुनी उन्नति करे। ये तो कुछेक प्रमाण भर हैं, पूरे देश में पर्यटन स्थलों की यही स्थिति है।

यदि देश के पर्यटन को सचमुच बढ़ावा देना है तो हमें इसके लिए ठोस उपाय करने होंगे। इस क्षेत्र में निजी सैक्टर को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है क्योंकि केवल सरकारी प्रयास कारगर नहीं हो सकते। सरकारी योजनाओं को बनाने तथा उसे क्रियान्वित करने में भ्रष्टाचार आदि कई कारणों से लम्बा समय लग जाता है। जो पर्यटन उद्योग की वृद्धि को रोक देता है। यह शुभ लक्ष्ण है कि अब सरकार वस्तु स्थिति को समझ कर हर क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। यदि सही दिश में प्रयास किए जाएं तो अगले पाँच वर्षों में ही भारत में पर्यटन व्यवसाय के विकसित होने से देश को बेशकीमती विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी तथा भुगतान संतुलन की स्थिति को सुधारने में बहुत मदद मिलेगी।

भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने में एक बड़ी बाधा को वर्तमान में दिखाई दे रही है – वह है आतंकवाद। आतंकवाद भारत के सभी प्रमुख स्थानों में अपनी जड़ें जमा चुका है। काश्मीर में पर्यटन उद्योग आतंक के साए में दम तोड़ चुका है। जबकि इस स्थान को धरती के स्वर्ग के नाम से संबोधित किया जाता रहा है।

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Essay on Kerala in Hindi

Essay on Kashmir in Hindi

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पर्यटन का महत्त्व निबंध- Essay on Importance of Tourism in Hindi

In this article, we are providing Essay on Importance of Tourism in Hindi. ( Paryatan Ka Mahatva )पर्यटन का महत्त्व निबंध,  पर्यटन एक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय उद्योग।

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मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता। किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कछ ऐसा ही है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के सघन देवदार के वनों और हिमाच्छादित शिखरों के सौंदर्य, रूप गंध का अनुभव करना। महापंडित राहुल सांकृत्यायन के शब्दों में, ‘‘घुमक्कड़ दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विभूति है इसलिए कि उसी ने आज की दुनिया को बनाया है। अगर घुमक्कड़ों के काफिले न आते-जाते तो सुस्त मानव-जातियाँ सो जातीं और पशु स्तर से ऊपर नहीं उठ पातीं।”

आज पर्यटन के पीछे भी मनुष्य की उसी पुरानी घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रभाव है। आदिम घुमक्कड़ और आज के पर्यटक में इतना अंतर अवश्य है कि आज पर्यटन उतना कष्ट साध्य नहीं है, जितनी प्राचीन काल की घुमक्कड़ी थी। ज्ञान-विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषणों की जादुई शक्ति के प्रभाव से सुलभ साधनों के कारण पर्यटन अत्यंत सुलभ बन गया है। आज पर्यटन एक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। इस उद्योग के प्रसार के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय बनाए गए हैं। विश्वभर में पर्यटकों की सुविधा के लिए बड़े-बड़े पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रकार के आयोजन भी किए जाते हैं; जैसे- विदेशों में किसी देश के स्थान विशेष की कलाएँ, कलात्मक दृश्य, सांस्कतिक संस्थाओं की प्रदर्शनियाँ आदि। आनंद की प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय; इनके अतिरिक्त पर्यटन के और भी कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ हैं।

पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है: विकसित होती है। प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। सभ्यता-संस्कृतियों का परिचय मिलता है। पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है। पर्यटन उस एकरसता से उत्पन्न ऊब का भी परिहार करता है जो एक ही स्थान पर एक जैसे ही वातावरण में लगातार रहने से उत्पन्न हो जाती है। इसलिए पर्यटन की प्यास रखनेवालों को महापंडित राहुल सांकृत्यायन की तरह महाकवि इकबाल के इस । ‘शेर’ को अपना पथ प्रदर्शक बनाना चाहिए, इकबाल लिखते हैं –

‘सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहाँ,

जिंदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहाँ।’

Essay on Parvatiya Yatra in Hindi

Kisi Yatra Ka Varnan

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3 thoughts on “पर्यटन का महत्त्व निबंध- Essay on Importance of Tourism in Hindi”

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Essay on Importance Of Tourism In Hindi | पर्यटन का महत्व पर निबंध

👀 “ Essay on Importance Of Tourism In Hindi | पर्यटन का महत्व पर निबंध ”  पर लिखा हुआ यह निबंध  ( Paryatan ka mahatv essay )  आप को अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए निबंध लिखने में सहायता कर सकता है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयों पर हिंदी में निबंध मिलेंगे (👉  निबंध सूचकांक ), जिन्हे आप पढ़ सकते है, तथा आप उन सब विषयों पर अपना निबंध लिख कर साझा कर सकते हैं

पर्यटन का महत्व पर निबंध Essay on Importance Of Tourism In Hindi

🎃  Essay on Importance Of Tourism In Hindi | पर्यटन का महत्व पर निबंध  पर यह निबंध class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।

Essay on Importance Of Tourism In Hindi | पर्यटन का महत्व पर निबंध

प्रस्तावना :

हर व्यक्ति के जीवन में पर्यटन का बड़ा महत्व है। पर्यटन एक ऐसी यात्रा को कहा जाता है, जिसमें हम मनोरंजन के समय का आनंद उठाते हैं। पर्यटन (tourism essay in hindi) करने से व्यक्ति को जीवन में एक नई उमंग एवं उत्साह मिलती है। Tourism essay in hindi या Paryatan ka mahatv essay में Advantages of tourism essay in hindi / Essay on Importance Of Tourism In Hindi की बात करें तो जब हम किसी स्थान पर पर्यटन के लिए घूमने के लिए जाते है तो हमें वहां की संस्कृति के बारे में जानने को मिलती है।

हमें एहसास होता है कि इस दुनिया में काफी विविधताएं हैं। साथ ही इससे हमारी संस्कृति के अंतर की जानकारी मिलती है। paryatan ka mahatv essay में चलिए paryatan ke mahatva के बारे में और विस्तार से जानते हैं। 

पर्यटन के लाभ :

Paryatan ka mahatv essay या Advantages of tourism essay in hindi – पर्यटन का संक्षिप्त अर्थ है – घूमना। लेकिन इस घूमने का अर्थ है किसी स्थान विशेष के प्रति जिज्ञासा पूर्वक कोई जानकारी प्राप्त करने की इच्छा रखते हुए घूमना। इसलिए कहा जाता है कि पर्यटन करने में हमें बेहद आनन्द प्राप्त होता है। पर्यटन हमारे दैनिक जीवन की भारी-भरकम चिंताओं से हमें दूर रखता है। जो व्यक्ति जितना अधिक पर्यटन करता है, उसे देश विदेश की जानकारी उतनी अधिक मिलती है।

इससे हमारा ज्ञान भी विकसित होता है। पुस्तकीय ज्ञान उतना प्रभावी नहीं होता जितना कि प्रत्यक्ष ज्ञान। पर्यटन करने से हमारी आपसी दूरियाँ कम होती हैं। इससे हमारा मन उदार बनता है। साथ ही हमें पूरा देश और विश्व अपना-सा प्रतीत होता है। राष्ट्रिय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है।

हमारे जीवन में पर्यटन का महत्व :

Paryatan ka mahatva hindi essay – पर्यटन से हमें देश-विदेश के खान-पान, रहन-सहन तथा सभ्यता की जानकारी मिलती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से पर्यटन का एक अलग ही महत्व है। इससे हमारे मन में बैठे हुए अंधविश्वास भी टूटते हैं। हमें यह समझ में आ जाता है कि विविधताओं के बावजूद विश्व भर का मानव, मूल रूप से एक है। इससे हमारे दिमाग का दायरा बढ़ता है।

इसके फलस्वरूप सोचने समझने की एक गहरी समझ हमारे अंदर विकसित होती है। पर्यटन से हमारे अंदर दैनिक जीवन की परेशानियों को भूलकर एक रचनात्मक प्रवृति जागृत होती है। इससे जीवन में अनेक रास्ते खुल जाते हैं। यात्रा के समय कई स्थानीय लोगो के संग रूबरू होने के मौका मिलता है। पर्यटन के कारण लोगो में हिम्मत, रोमांच और मनोरंजन का संचार होता है।

पर्यटन में यात्रा के उद्देश्य :

Paryatan ka mahatva essay in hindi language – पर्यटन हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग है। पर्यटन में यात्रा करने के कई उद्देश्य हो सकते हैं। कई बार लोग अपने परिवार और करीबी के साथ समय बिताने के लिए पर्यटन करते हैं। पर्यटन कभी मनोरंजन के उद्देश्यों के लिए की गई एक यात्रा होती है। लोग अवकाश के समय भी पर्यटन का आनंद लेते हैं। पर्यटक का मतलब वह व्यक्ति होता है जो अवकाश, व्यवसाय या अन्य उद्देश्यों के लिए सीमित समय के लिए यात्रा करता है। पर्यटन का उद्देश्य चाहे जो भी हो, यह हमारे जीवन को एक नई दिशा प्रदान करता है।

भारत के पर्यटन स्थल :

tourism essay hindi – भारत विश्व का एक प्रमुख पर्यटक केंद्र है। अगर हम भारत में प्रमुख पर्यटक स्थलों की बात करें तो यहां बहुत से पर्यटन स्थल हैं। यहां लोग अपनी रुचि और सुविधानुसार जा सकते हैं। भारत के प्रत्येक राज्य में धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक महत्व के पर्यटक स्थल मिल जाएंगे। ये भारत के विशाल और धनी प्राचीन विरासत को दर्शाते हैं। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पहाड़ी राज्यों का पर्यटन के क्षेत्र में अपना एक अलग महत्व है। वहीं दूसरी ओर राजस्थान अपने थार के मरुस्थल के लिए प्रसिद्ध है।

उत्तर प्रदेश अपने धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। गोवा अपने समुद्री पर्यटन के लिए विख्यात है। भारत में कई ऐसे एतिहासिक पर्यटक स्थल हैं , जो हमें हमारे गौरवशाली इतिहास को संजोये हुए है। उनमें अनेक दुर्ग और स्मारक शामिल हैं।

पर्यटन से जुड़े आंकड़े :

भारत में यदि विदेशी मुद्रा की कमाई का बड़ा स्रोत देखा जाए तो वह पर्यटन उद्योग से ही आता है। साल 2019 में भारत में 1.09 करोड़ विदेशी आए थे। इससे देश में 2.11 लाख करोड़ रुपए की कमाई देखी गई थी। साल 2020 में भारत में 27.44 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ था। इसके फलस्वरूप 50,136 करोड़ रुपये की कमाई हुई। वहीं 2021 में भारत में आने वाले कुल पर्यटकों की संख्या 14.12 लाख थी। पर्यटन उद्योग से भारत में लगभग 2.14 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में विदेशी पर्यटकों से कम से कम प्रत्येक व्यक्ति से 2 लाख रुपए तक की कमाई होती है।

2020 में आने वाले कुल विदेशी पर्यटकों में 58% पर्यटक ऐसे थे जो घूमने के उद्देश्य से आए थे। वहीं 7% विदेशी यात्रियों का मेडिकल चेकअप के लिए भारत में आगमन हुआ था। भारत में 12% विदेशी यात्रियों की यात्रा व्यवसाय के उद्देश्य से संभव हुई थी। भारत में आने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक पर्यटक बांग्लादेश और अमेरिका से होते हैं। 2020 के आंकड़ों के मुताबिक 5.49 लाख पर्यटक बांग्लादेश से आए थे। यह तो थे विदेशी यात्रियों के आंकड़े। वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में भारत के लोग भी हर साल पर्यटन करने के लिए भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों में जाते हैं।

भारत में पर्यटन के क्षेत्र में सरकारी क्रियाकलाप :

भारत में पर्यटन के उद्देश्य से दूर दूर से लोग आते हैं। यहां तक की विदेशी यात्रियों का आना-जाना यहां लगा रहता है। इसी कारण वर्तमान सरकार भारत में पर्यटन के महत्व को समझते हुए अनेक नए कॉरिडोर निर्माण कर रही है। पर्यटन से हमारे रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

पर्यटक आधारित उद्योगों को भी सरकार से काफी सहायता मिल रही है। भारत सरकार ने 50 हजार करोड़ का इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम चलाया है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यटन उद्योग को और अधिक ऊंचाई पर लेकर जाना है। इससे टूरिज्म पर आधारित जो भी हॉस्पिटैलिटी आंत्रप्रेन्योरशिप है, उसे बढ़ावा दिया जाएगा।

हमारे जीवन में पर्यटन का प्रमुख स्थान होने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर स्तर पर कार्य करने के लिए तैयार है। ऐसा करने से भारत के हर स्तर के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इसके अलावा ऐसे इलाकों में भी पर्यटक उद्योग विकसित होंगे जहां भारत के कई धरोहर मौजूद हैं। भारत के पर्यटन को विकसित करने में हमारा भी योगदान महत्वपूर्ण है।

इसलिए प्रत्येक लोगों के लिए यह जरूरी है कि पर्यटन को बढ़ावा दें। इसके साथ-साथ लोगों को इस बारे में जागरूक करना हमारा भी कर्तव्य होना चाहिए। उम्मीद है कि आपको Paryatan ka mahatv essay या Tourism essay in hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी।

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Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध

January 18, 2018 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Tourism in India in Hindi Language/ Paryatan ka Mahatva in Hindi Language for students of all Classes in 1000 to 1500 words.

Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध : एक देश के आर्थिक विकास में पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यटन भारत में दूसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक है। पर्यटन उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को, कुशल और अकुशल दोनों में रोजगार मिलता है। यह राष्ट्रीय एकता और अंतर्राष्ट्रीय भाईचारे को बढ़ावा देता है। भारत ने हमेशा अपने धर्मनिरपेक्षता और उसकी संस्कृति की विविधता के साथ दुनिया भर से लोगों को मोहित किया है। ऐतिहासिक स्मारक, समुद्र तट, धार्मिक रुचि के स्थान, पहाड़ी रिज़ॉर्ट, आदि हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। हर क्षेत्र को अपनी हस्तकला, मेल, लोक नृत्य, संगीत और इसके लोगों के साथ पहचाना जाता है।

Essay on Tourism in India in Hindi

पर्यटन विभाग देश में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देता है। पर्यटन सलाहकार बोर्ड ने भारत में पर्यटन यातायात को बढ़ावा देने के उपायों की सिफारिश की है। आतंकवाद, दलित और प्रदूषण से भारतीय पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ईमानदारी से प्रयासों से भारतीय पर्यटन उद्योग को और विकसित करने में मदद मिल सकती है। पर्यटन दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है। यह एक देश के आर्थिक विकास में निहितार्थ भूमिका निभाता है। भारत एशिया में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।

उत्तर में हिमालय पर्वत से घिरा हुआ है और घिरा हुआ है, पानी (अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर) द्वारा तीन तरफ, भारत कई जगहों को देखने और चीजें करने की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। पहाड़ी स्टेशनों और परिदृश्य ने भारत को एक सुंदर देश बनाया। ऐतिहासिक स्मारकों, किलों, आदि, देश की भव्यता को जोड़ते हैं। वे दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं पर्यटन भारत में दूसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक है।

पर्यटन उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को, कुशल और अकुशल दोनों में रोजगार मिलता है। अन्य मॉडेम सेवा क्षेत्रों की तुलना में, पर्यटन लाभों का एक उच्च अनुपात महिलाओं को जमा करता है एयरलाइनों सहित होटल, ट्रैवल एजेंसियां, परिवहन इस उद्योग से बहुत लाभान्वित हैं। पर्यटन राष्ट्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय समझ को बढ़ावा देता है।

यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। पर्यटन पारंपरिक हस्तशिल्प क्षेत्र को भी बढ़ावा देता है। पर्यटक भारत के समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत में एक अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हैं। भारत में एक समग्र संस्कृति है, जिसमें एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। कला, धर्म और दर्शन का। हालांकि भारत को कई तरह के आक्रमण के अधीन किया गया है, लेकिन बाहरी प्रभावों का सर्वश्रेष्ठ अवशोषित करने के बावजूद उन्होंने अपनी मौलिकता बरकरार रखी है।

ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, इस्लाम, हिंदू धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और पारसी धर्म जैसे धर्म भारत में मौजूद हैं। भारत ने अपने धर्मनिरपेक्षता और उसकी संस्कृति की विविधता के साथ दुनिया भर से लोगों को मोहित किया है। भारत के विविध भौगोलिक लोकल पर्यटकों को प्रसन्न करते हैं स्मारकों, संग्रहालयों, किलों, अभयारण्य, धार्मिक रुचि के स्थान, महलों, आदि, एक की आँखों के लिए एक संधि प्रदान करते हैं हर क्षेत्र को अपने हस्तशिल्प, मेल, लोक नृत्य, संगीत और उसके लोगों के साथ पहचाना जाता है।

आगरा, जयपुर, झांसी, हैदराबाद, नालंदा, मैसूर, दिल्ली, महाबलेश्वर, औरंगाबाद आदि हरिद्वार, उज्जैन, शिर्डी, वाराणसी, इलाहाबाद, पुरी, अजमेर, अमृतसर, वैष्णो देवी आदि पर्यटकों की संख्या में भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। , बद्रीनाथ, केदारनाथ, रामेश्वरम आदि आदि धार्मिक महत्व के स्थान हैं। श्रीनगर, कुल्लू, मनाली, देहरादून, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग, ऊटी आदि प्रसिद्ध और सुंदर पहाड़ी रिज़ॉर्ट हैं। देश में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग का गठन किया गया है। यह बुनियादी ढांचा प्रदान करता है और प्रचार अभियान चलाता है। Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध (Continues)

यह विश्व बाजार में पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जानकारी प्रदान करता है। यह भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और कार्यक्रम तैयार करता है। इसमें भारत और विदेशों में कार्यालय हैं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, द नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी इत्यादि, उद्योग को पेशेवर प्रशिक्षित कर्मचारी प्रदान करते हैं। पर्यटन सलाहकार बोर्ड ने भारत में पर्यटन यातायात को बढ़ावा देने के उपायों की सिफारिश की है।

यह पर्यटन के रुझानों की समीक्षा करता है और उपयुक्त उपाय सुझाता है। कुछ महलों, हवेली और महल विरासत होटल में परिवर्तित कर दिए गए हैं। इन होटलों में, पर्यटकों को एक बीते युग की विदेशी जीवन शैली का अनुभव मिलता है शानदार ‘महल पर पहियों’, एक पर्यटन ट्रेन जो राजस्थान के माध्यम से यात्रा करती है, कई विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है। भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) लोक नृत्य और गाने जैसे मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन करता है और पर्यटकों के लिए खरीदारी की सुविधा प्रदान करता है। आज, मेक ट्रिप, स्टर्लिंग छुट्टियाँ, क्लब महिंद्रा आदि जैसी कई निजी कंपनियां घरेलू और साथ ही विदेशी पर्यटन की व्यवस्था करती हैं। शहरी पेशेवर मध्यम वर्ग की वृद्धि के साथ, भारत में पर्यटन समृद्ध है। कई राज्यों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं गोवा नौकायन, स्कूबा डाइविंग और सर्फिंग जैसे पानी के खेल को बढ़ावा देता है। जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश, स्कीइंग और पर्वतारोहण जैसे सर्दियों के खेल की खुशी प्रदान करते हैं।

केरल, कश्मीर के बाद, ने अपने लैगूनों में हाउसबोट्स की अवधारणा को पेश किया है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जगहों के रूप में स्मारकों को हाइलाइट करना, इन दिनों पर्यटकों को आकर्षित करने का एक लोकप्रिय माध्यम बनता जा रहा है। वर्ष 2005 के बाद से, भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) भारत में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए ‘अविश्वसनीय भारत’ नामक एक अभियान चला रहा है। इस अभियान का नारा ‘अत्री देवो भाव’ है बेहतर विकास के लिए, आईटीडीसी ने विभिन्न पर्यटन जैसे ‘आध्यात्मिक पर्यटन’, ‘स्पा टूरिज्म’, ‘इकोटोरिज्म’ और ‘साहसिक पर्यटन’ के तहत विभिन्न स्थानों का वर्गीकरण किया।

अब हालात भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए उज्ज्वल दिखना शुरू हो गए हैं। पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों की पहल में शामिल हैं- स्वच्छ भारत स्वच्छ स्मारक ई पोस्टर, प्रधान मंत्री के संदेश के साथ एक विशेष पोस्टर जो पर्यटकों और देश के लोगों को पूरे दिल से अपने परिवेश की सफाई में संलग्न करने के लिए अनुरोध करते हैं और एक स्वच्छ भारत, स्वच्छ बनाने में मदद करते हैं।

स्मारक; स्वागत कार्ड, यह सभी पर्यटकों को सौंप दिया जाएगा, 9 अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लैंडिंग जहां इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण सुविधा के साथ आगमन पर पर्यटक वीजा परिचालन में है। यह कार्ड स्थानीय भारत पर्यटन कार्यालय की जानकारी को ऑनलाइन और ऑफलाइन संपर्क जानकारी के साथ ले जाएगा जो कि किसी भी प्रश्न के मामले में पर्यटकों का उपयोग कर सकते हैं; स्वच्छ भारत स्वच्छ पक्षी (हुनर जयाका), एक कार्यक्रम जिसका लक्ष्य सड़क के खाद्य विक्रेताओं के कौशल और स्वच्छता मानकों को उन्नत करने के लिए है, ताकि वे भारतीय पर्यटन का एक विशिष्ट पहलू बन सकें; अविश्वसनीय भारत हेल्पलाइन, किसी भी आपातकाल के दौरान पर्यटकों को संबोधित करने और निर्देशित करने के लिए, जिसमें चिकित्सा, अपराध, प्राकृतिक आपदाओं या फंसे हुए हो सकते हैं; ग्वालियर में पर्यटन के विकास के लिए ग्वालियर का मेगा प्रोजेक्ट-डेस्टिनेशन विकास, जो कम से कम विकसित हुआ है।

दूसरी ओर, संस्कृति मंत्रालय द्वारा उठाए गए कुछ अन्य पहल में शामिल हैं- वेब आधारित ई-टिकिंग शुरू करना, बेहतर पहुंच पाने में स्मारकों के लिए आगंतुकों की सुविधा; 25 मॉडल स्मारक (आदर्श स्मारक), जिसके तहत 25 पहचाने गए स्मारकों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं जिनमें वाई-फाई, सुरक्षा, साइंस, अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र, व्याख्या केंद्र शामिल हैं, जो स्वच्छ भारत अभियान के स्मारकों और साइनबोर्ड के महत्व के बारे में लघु फिल्में दिखाते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री और पर्यटन मंत्री आगमन पर 11 वीं सदी मील का पत्थर पर्यटक वीजा की शुरूआत करते हुए, 43 दिनों के 43 देशों के नागरिकों को पर्यटन के लिए 30 दिन की छोटी अवधि के लिए भारत यात्रा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ईटीए) योजना के साथ सक्षम किया गया।

वीजा व्यवस्था को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें विदेशी की लगातार दो यात्राओं के बीच दो महीने की दूरी के प्रतिबंध को समाप्त करना, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वीजा शुल्क का भुगतान करना, चारों से टीवीओए के लिए हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि नौ, वीजा फॉर्म का सरलीकरण, ऑनलाइन वीज़ा आवेदन पत्र भरने में विदेशियों के लिए स्थानीय भाषा की सहायता, विदेशों के लिए प्रस्थान (गर्भपात) कार्ड को बाहर करने वाले विदेशियों द्वारा आगमन और आने वाले भारतीयों द्वारा आगमन (डिस्कोगाक्शन) कार्ड और नौकरी के सरलीकरण / सामूहिक लैंडिंग परमिट की शुरुआत के अलावा, जहाज़ उतरने का कार्ड पर्यटन और आतिथ्य को महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना गया है, जो कि भारत की कुशल जनसंख्या के लिए महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता रखता है।

कौशल अंतर को पुल करने के लिए इस क्षेत्र में रोजगार चाहने वालों को रोजगार प्रदान करना टीएससी (पर्यटन और आतिथ्य – क्षेत्र कौशल परिषद) का मुख्य उद्देश्य है। पर्यटन देश में सबसे बड़ा सेवा उद्योग है और इसमें देश के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की क्षमता है। पर्यटन मंत्रालय ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 24.9 मिलियन नौकरियां पैदा करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि क्षेत्र के विकास में 9% से 12% वृद्धि हो सके।

हालांकि, भारतीय पर्यटन उद्योग से निपटने में कुछ समस्याएं हैं, इनमें से प्रमुख प्रदूषण होने के कारण हैं। मथुरा रिफाइनरी से उत्सर्जन ने पीड़ित पीएफ ताजमहल को अग्रता में ले लिया है। हालत पीएफ कई अन्य स्मारकों के कारण संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण भी बिगड़ रही है। दूसरी तरफ, समुद्र तट पर्यटकों से भरे कचरे के डंपिंग मैदान बन गए हैं। इस उपद्रव की जांच की जानी चाहिए। आतंकवाद आज एक प्रमुख वैश्विक समस्या है। हमारा देश कोई अपवाद नहीं है।

पर्यटन के विकास के तहत आतंकवादी हमलों, आंदोलन और अलगाववादी आंदोलन कश्मीर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। हालांकि, इस घाटी में लगातार आतंकवाद ने पर्यटन की वृद्धि को रोक दिया है जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्मारकों की प्राचीन भव्यता को बहाल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। ईमानदारी से प्रयासों से भारतीय पर्यटन उद्योग को और विकसित करने में मदद मिल सकती है। वास्तव में, यह उच्च क्षमता वाले क्षेत्र, जिसका आय और रोजगार सृजन पर बहुत अधिक प्रभाव है, अभी भी अपेक्षाकृत अप्रयुक्त है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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A 600-word Essay on Tourism in India (in English & Hindi)

Published on: February 11, 2024

Welcome to the essay on Tourism in India! In this essay, we will explore the exciting world of tourism in India, a country known for its diverse culture, rich history, and stunning natural beauty. Tourism plays a vital role in India’s economy and offers travelers from all over the world an opportunity to experience the magic of this incredible land. From iconic landmarks like the Taj Mahal to bustling cities, serene beaches, and vibrant festivals, India has something to offer every traveler. So let’s embark on a journey to discover the wonders of tourism in India and why it attracts millions of visitors each year.

600-word Essay on Tourism in India

India, a land of diverse cultures, breathtaking landscapes, and rich history, beckons travelers from all corners of the globe to embark on an unforgettable journey. Let’s introduce you to the wonders of Indian tourism and provide you with essential information to make the most of your experience.

Introduction to India’s Tourism

India, with its vibrant tapestry of traditions, offers a plethora of attractions for tourists. From ancient monuments to bustling cities, serene beaches to lush forests, there’s something for everyone in this remarkable country.

Popular Tourist Destinations

Let’s start with some of the must-visit destinations in India . The majestic Taj Mahal in Agra, a UNESCO World Heritage Site, stands as an epitome of love and architectural marvel. The vibrant city of Jaipur, known as the Pink City, boasts of magnificent palaces and forts, while Kerala’s tranquil backwaters offer a serene escape from the hustle and bustle of city life.

Best Time to Visit India

Understanding the seasonal variations in India is crucial for planning your trip. The months between October and March are generally considered the best time to visit, with pleasant weather across most parts of the country. However, specific regions like the Himalayas are best explored during the summer months.

Cultural Festivals

India’s cultural heritage is celebrated throughout the year with colorful festivals. Diwali, the festival of lights, and Holi, the festival of colors, are among the most popular ones. These festivals provide a unique opportunity to immerse yourself in the vibrant traditions and customs of India.

Historical Sites

India’s history spans millennia, and exploring its historical sites is like stepping back in time. From the ancient ruins of Hampi to the majestic forts of Rajasthan, each site narrates a fascinating tale of India’s glorious past.

Wildlife Sanctuaries

For nature enthusiasts, India offers a diverse range of wildlife sanctuaries and national parks. The Jim Corbett National Park in Uttarakhand and Ranthambore National Park in Rajasthan are renowned for their tiger population, while Kaziranga National Park in Assam is home to the endangered one-horned rhinoceros.

Adventure Tourism

If you’re seeking adrenaline-pumping experiences, India won’t disappoint you. From trekking in the Himalayas to river rafting in Rishikesh, there are plenty of adventure activities to get your heart racing.

Accommodation Options

India caters to all types of travelers, offering a wide range of accommodation options. Whether you prefer luxury resorts or budget-friendly guesthouses, you’ll find ample choices to suit your preferences and budget.

Cuisine and Food Tours

No trip to India is complete without indulging in its delectable cuisine. From spicy curries to mouth-watering street food, Indian cuisine is a gastronomic delight. Don’t miss the opportunity to embark on a culinary journey and savor the flavors of India.

Transportation

Getting around in India can be an adventure in itself. From the iconic Indian railways to modern metro systems, there are various transportation options available for travelers. However, it’s essential to plan your journeys in advance to avoid any hassles.

Safety and Health Precautions

While India is generally a safe destination for tourists, it’s essential to take necessary precautions to ensure a smooth and enjoyable trip. Be vigilant of your surroundings, avoid isolated areas at night, and stay informed about any health advisories or vaccination requirements.

In conclusion, India offers a treasure trove of experiences for travelers, making it an ideal destination for your next adventure. By exploring its diverse landscapes, immersing yourself in its rich culture, and savoring its culinary delights, you’re sure to create memories that will last a lifetime. So pack your bags, embark on this incredible journey, and get ready to discover the magic of Incredible India!

Essay on Tourism in India in Hindi

भारत, विविध संस्कृतियों, आकर्षक परिदृश्यों और समृद्ध इतिहास का देश, विश्व के सभी कोनों से यात्रियों को एक भव्य यात्रा पर बुलाता है। आपके शिक्षक के रूप में, मुझे भारतीय पर्यटन के आश्चर्यों का परिचय देने और आपको अपने अनुभव का लाभ उठाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करने में बड़ा आनंद हो रहा है।

भारतीय पर्यटन का परिचय

भारत, जिसमें रंगीन संस्कृतियों का तारा, पर्यटकों के लिए अनगिनत आकर्षण प्रदान करता है। प्राचीन स्मारकों से भरी गुफाएँ से लेकर गहरे जंगलों तक, इस अद्वितीय देश में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।

लोकप्रिय पर्यटक स्थल

चलो, कुछ ऐसे लोकप्रिय स्थलों के साथ जानें जिन्हें भारत में जरूर देखना चाहिए। आगरा में महानतम ताज महल, प्यार और वास्तुकला का प्रतीक, खड़ी है। जयपुर, जिसे गुलाबी शहर के नाम से जाना जाता है, महान महलों और किलों की शानदार संपत्ति से भरपूर है, जबकि केरल के शांततम समुद्र तट शहर की भागदौड़ से छुटकारा दिलाते हैं।

भारत घूमने का सर्वोत्तम समय

भारत में मौसम के परिवर्तनों को समझना आपकी यात्रा की योजना बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। अक्टूबर से मार्च के बीच के महीने आमतौर पर सबसे अच्छे समय के रूप में माने जाते हैं, जबकि गर्मियों में हिमालय के विशेष क्षेत्रों का अन्वेषण किया जा सकता है।

सांस्कृतिक उत्सव

भारत की सांस्कृतिक विरासत को रंग-बिरंगे उत्सवों में पूरे साल के दौरान मनाया जाता है। दिवाली, प्रकाश का उत्सव, और होली, रंगों का उत्सव, इनमें से कुछ प्रमुख हैं। ये उत्सव भारतीय रंग-बिरंगे परंपराओं और रीतियों में डूबने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करते हैं।

ऐतिहासिक स्थल

भारत का इतिहास हजारों वर्षों का है, और इसके ऐतिहासिक स्थलों का अन्वेषण अपने समय में पीछे हटने के समान है। हम्पी के प्राचीन खंडहर से लेकर राजस्थान के शानदार किलों तक, प्रत्येक स्थल भारत के महान अतीत की एक रोचक कहानी सुनाता है।

वन्यजीव अभ्यास

प्राकृतिक सौंदर्य के प्रेमियों के लिए, भारत विभिन्न वन्यजीव अभ्यास और राष्ट्रीय उद्यान प्रदान करता है। उत्तराखंड में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और राजस्थान में रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान अपने बाघ जनसंख्या के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में लुप्तप्राय एक-सींग गैंडा का घर है।

साहसिक पर्यटन

यदि आप तेजी से दौड़ते हुए अनुभवों की तलाश में हैं, तो भारत आपको निराश नहीं करेगा। हिमालय में ट्रेकिंग से लेकर ऋषिकेश में नदी राफ्टिंग तक, आपके हृदय को धड़काने वाले कई साहसिक गतिविधियाँ हैं।

आवास के विकल्प

भारत सभी प्रकार के यात्रीयों को ध्यान में रखता है, जिसमें आपके पसंद और बजट के अनुसार विभिन्न आवास के विकल्प शामिल हैं। चाहे आप शानदार रिसॉर्ट्स को चुनें या बजट-मित्र सस्ते महलों को, आपको अपने पसंद के अनुसार और बजट के अनुसार विकल्प मिलेंगे।

रसोई और खाद्य पर्यटन

भारत के बिना भ्रमण किए उसके स्वादिष्ट खाद्य का आनंद लेना पूर्ण नहीं होता है। तीखे करी से लेकर भरपूर स्ट्रीट फूड तक, भारतीय व्यंजन एक आहारिक आनंद है। भारत की रसोई और खाद्य पर्यटन की यात्रा पर जाने का अवसर न छोड़ें।

परिवहन

भारत में घूमना खुद में एक रोमांच है। प्रसिद्ध भारतीय रेलवे से लेकर आधुनिक मेट्रो सिस्टम तक, यात्रियों के लिए विभिन्न परिवहन विकल्प उपलब्ध हैं। हालांकि, किसी भी परेशानी से बचने के लिए अपनी यात्राओं की योजना प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।

सुरक्षा और स्वास्थ्य सावधानियाँ

हालांकि भारत पर्यटकों के लिए सामान्य रूप से एक सुरक्षित स्थान है, लेकिन एक सुगम और आनंदमय यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सावधानियाँ अवश्य लेनी चाहिए। अपने आसपास का ध्यान रखें, रात के समय अलग-अलग क्षेत्रों से दूर रहें, और किसी भी स्वास्थ्य सलाह या टीकाकरण की आवश्यकता के बारे में सूचित रहें।

निष्कर्ष

समापन में, भारत यात्रियों के लिए अनगिनत अनुभवों का एक खजाना प्रदान करता है, जिससे आपके अगले अद्भुत अवेंचर के लिए यह एक आदर्श स्थान बन जाता है। अपनी विविध परिदृश्यों की खोज, अपनी समृद्ध संस्कृति में डुबकी लगाने, और अपनी रसोईयों की स्वादोत्सव का आनंद लेने के लिए, आप सचमुच भारत के जादू की खोज में जुटे होंगे। तो अपने बस्ते को पैक करें, इस अद्भुत यात्रा पर निकलें, और अद्भुत भारत की जादू को खोजने के लिए तैयार हो जाएं!

20 lines on tourism in India

  • Tourism in India is when people from other places visit India for sightseeing and enjoyment.
  • India is famous for its diverse cultures, rich history, and beautiful landscapes.
  • Tourists come to India to see historical monuments, like the Taj Mahal and Red Fort.
  • They also visit natural attractions such as beaches, mountains, and forests.
  • India has many wildlife sanctuaries where tourists can see animals like tigers and elephants.
  • People love to explore India’s vibrant cities like Delhi, Mumbai, and Jaipur.
  • Indian food is also a big attraction for tourists, with its delicious flavors and variety.
  • Tourists can enjoy adventure activities like trekking, rafting, and safari in India.
  • There are many festivals in India like Diwali and Holi, which tourists enjoy experiencing.
  • The best time to visit India is usually during the cooler months, from October to March.
  • India offers a range of accommodations from luxury hotels to budget guesthouses.
  • Transportation in India includes trains, buses, and taxis, making it easy to get around.
  • Safety is important for tourists, so it’s essential to stay aware of surroundings and take precautions.
  • Tourists should try to respect local customs and traditions while visiting India.
  • Many tourists also come to India for spiritual reasons, visiting temples and ashrams.
  • Shopping in India is a fun experience, with markets selling everything from textiles to handicrafts.
  • India has a rich cultural heritage, with music, dance, and art forms from different regions.
  • English is widely spoken in India, making it easier for tourists to communicate.
  • It’s a good idea for tourists to try different modes of transportation like rickshaws and tuk-tuks for a local experience.
  • Overall, tourism in India offers a fascinating and diverse experience for travelers from around the world.

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  • निबंध ( Hindi Essay)

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Essay on Tourism in India in Hindi

भारत देश के बारे में कौन नहीं जानता है, यहां हर कोई भारत देश के लोगों के व्यवहार और घूमने की जगहों को लेकर की हमेशा रोचक तत्व को जानते रहते हैं। वैसे तो भारत में घूमने फिरने के लाखों जगह है जहां पर मन को शांत कर देने वाला और दिल को खुश कर देने वाला ऐसा ऐसा दृश्य है जिसे देखकर मंकी जो तसल्ली है वह पूरी हो जाती है। यहीं तक नहीं भारत (Essay on Tourism in India in Hindi) में तो दूसरे देशों से भी लोग आकर यहां की सुंदरता का दर्शन करते हैं और मन को मोह लेने वाला मनोरम दृश्य को देखकर के प्रसन्न होते हैं। हर वर्ष भारत में विदेशों से आने वाले ऐसे लाखों पर्यटक है जो भारत की सुंदरता में अपनी अपनी टिप्पणी या और अपनी अपने विचारों की धारा समर्पित करते हैं।

वर्तमान समय में सबसे ज्यादा प्रसिद्धि पाने वाले देश का नाम भारत के नाम से ही जाना जा रहा है। घूमने फिरने के तो और भी लाखों जगह है परंतु जो प्रेम और सम्मान भारत में मिलता है वह कहीं नहीं। शायद यही कारण है कि लाखों की तादाद में हर साल यहां पर्यटकों की भीड़ लगती है और उनके हृदय को छू लेने वाला यह मनोरम दृश्य उन्हें हर वर्ष यहां खींच लाता है। ऐसे ही पर्यटकों का आना-जाना भारत देश में लगा रहता है परंतु पहले हम जानते कि किस प्रकार के पर्यटक और कैसी भावना लेकर के यहां पर आते हैं और उसे हमारे देश को क्या लाभ होता है?

Table of Contents

कहा से आते है पर्यटक:-

भारत देश में ऐसे तो हर तरफ से ही लोगों का आना जाना और मेलजोल लगा रहता है। परंतु पर्यटकों (Essay on Tourism in India in Hindi) के आने जाने के लिए संसाधनों और वाहनों के जमा हुए भीड़ को देखकर हमें पता चल जाता है कि कहां कहां से कौन-कौन से पर्यटक हमारे देश को भ्रमण करने आ रहे हैं। पर्यटक यहां तक की उन देशों से भी भारत पहुंच जाते हैं जहां से यहां आना नामुमकिन के बराबर होता है।भारत कुछ है ही ऐसा जो लोगों को अपनी तरफ खींच लाता है।यहां का ताजमहल ,चार मीनार ,लाल किला यह सब ही मन को मोह लेने वाली एक ऐसी दृश्य है जो यदि कोई एक बार देख ले तो उनके मन में बस जाए। इतना ही नहीं यहां तो इतने सारे झंडों के स्त्रोत हैं जिसे देख कर के ही उसकी सुंदरता में डूब जाने को जी करता है।

हमारे भारत देश में पर्यटक हर दिशा और हर राज्य और हर क्षेत्र हर देश से आते हैं। ज्यादातर पर्यटक अमेरिका और दुबई के होते हैं। जो कि यहां पर भारत की सुंदरता को देख कर के अपने देश की सुंदरता को सुधारने का कार्य करते हैं। हालांकियहां की सुंदरता वहां पहुंचता नहीं पाती परंतु कुछ ऐसे दृश्यों को वह अपनी नजरों में उतार लेते हैं जो उन्हें वहां जाने के बाद कार्य आती है। घूमने फिरने की सलाखों नहीं परंतु भारत में अफ्रीका, जापान, चाइना ,वेस्ट बंगाल, बेंगलुरु, ऑस्ट्रेलिया ,इराक ,यहां तक कि यूरोप और ब्रिटेन जैसे बड़े देशों से भी लोग घूमने आते हैं।इन देशों से आने वाले लोगों को यहां आने के लिए जो साधनों की जरूरत पड़ती है वह वे खुद ही अपने पैसों से खर्च करके आते हैं।

पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह भारत में :-

दुनिया भर में वैसे तो सबसे ज्यादा पर्यटक स्थान भारत को माना गया है परंतु पर्यटकों की भी यहां अपनी अपनी पसंद होती हैं। भारत में ऐसे तोघूमने की इतनी जगह है कि यदि कोई आदमी अपने जीवन भी निकाल ले तो भी सारे जगहों को यहां पर नहीं देख सकता।परंतु पर्यटकों की जो सबसे लुभावनी जगह है भारत में यह उनके लिए ही केवल यहां आते हैं और उसको देखते हैं। भारत के हिसाब से और पर्यटन जनसंख्या के हिसाब से भारत में सबसे ज्यादा पर्यटन जगह है-ताजमहल (आगरा), खुजराहों(छत्तीसगढ़), जगर्नाथपुरी (ऑर्रिशा), चारमीनार(हैदराबाद) ,लालकिला(दिल्ली), आदि जैसी जगहों पर पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ लगती है। ऐसे भी हैं जो भारत के और भी दूसरे मनोरम जगहों को देखना पसंद करते हैं।

पर्यटक वैसे तो हर वर्ष अलग ही अलग जगह पर घूमने के लिए आते हैं परंतु उनके द्वारा पसंदीदा जगहों में से कुछ ऐसे भी जगह है जो स्वयं भारत के लिए ही गर्व का स्वरूप है।भारत में ऐसे तो लाखों जगह है जहां पर पर्यटकों की भीड़ लगती है परंतु जहां पर सबसे ज्यादा फिर है उन जगहों के नाम हमने आपको बताएं। सबसे ज्यादा पर्यटकों की भीड़ लगने के कारण भारत के इतना सारा चर्चित और प्रसन्न चित्त देश माना गया है।

पर्यटको के आने से भारत को फायदा:-

भारत में वैसे तो पर्यटकों के आने से बहुत सारे फायदे हैं परंतु जो फायदे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और देश के हित में है।पर्यटकों के आने से भारत का वैसे तो एक तरह से प्रसिद्धि हो रही है हर देश और विदेश में।दूसरी ओर पर्यटकों के आने के कारण ही देश में होने वाली सब सुख सुविधाओं के चर्चे बाकी दूसरे देशों में भी किए जा रहे हैं। पर्यटकों के आने से भारत के आर्थिक स्थिति में भी बढ़ोतरी होती है।अब मन में यही सवाल उठेगा कि पर्यटकों के आने से हमारे आर्थिक स्थिति में कैसे बढ़ोतरी होगी? पर्यटक (Essay on Tourism in India in Hindi) के कारण हमारे देश की आर्थिक स्थिति में भी बढ़ोतरी हो रही है जैसे कि पर्यटक देश विदेश से हमारे देश भारत घूमने आते हैं और अपने साथ अपने देश के पैसे लाते हैं। वह पैसा भारत के मुद्राओं से दुगना या 3 गुना ज्यादा होता है जिसे वे जमा कराकर भारतीय मुद्राएं लेते हैं। तो जिस कारण भारत के आर्थिक स्थिति में भी बढ़ोतरी हो रही है। दूसरी ओर से देखा जाए तो भारत के सभी घूमने फिरने वाले जगहों की बातचीत हर देश में चल रही है यहां के संस्कार और व्यवहारों की बातें हर किसी को बताए जाने के लिए भी पर्यटक की बहुत सारी जरूरत होती है।

क्यों पसंद है पर्यटकों को भारत?:-

जैसे की हम सब जानते हैं भारत इतना मनोरम देश है यहां अगर कोई आ जाए तो उसका यहां से जाने को मन ही नहीं करता। यहां की हवाई, पेड़ पौधे ,झरने ,नदियां ,और लोगों का व्यवहार देख कर ही यहां हर वर्ष लाखों की तादात में दूसरे देशों से और दूसरे जगहों से लोग आते हैं।भारत की संस्कृति को देखकर ही दूसरे देशों में भी बौद्ध धर्म और आदि देवताओं की बातें की जाती है।हर वर्ष होने वाली पूजा में सम्मिलित होने के लिए लाखों पर्यटक यहां आते हैं क्योंकि वह सादृश्य उन्हें दोबारा देखने नहीं मिलता।भारत की एक और खासियत है जिस कारण पर्यटक यहां आते हैं वह है अतिथि देवो भावा जिसका अर्थ होता है मेहमान भगवान समान है। दूसरे देश से आने वाले पर्यटक ही हमारे देश के लिए मेहमानों का स्वरूप है।यहां के लोगों द्वारा किया गया उनका मान सम्मान उनके मन को छू जाता है जिस कारण वह हर बार यहां आना चाहते हैं।

जैसे की हम सब ने देखा भारत में आने वाले पर्यटकों के द्वारा भारत को कई सारे फायदे मिलते हैं परंतु इन फायदों के लिए उनको लूटना या उनसे गलत व्यवहार करना गलत बात है।कई बार देखा गया है कि दूर विदेशों से आए हुए पर्यटकों को यहां के कुछ लुटेरे लोग लूट कर चले जाते हैं। जिस कारण भारत (Essay on Tourism in India in Hindi) के तारीफ के साथ-साथ यहां की कुछ गलत बातें भी दूसरे देश चली जाती है। इसमें हानि हमारी है। आमतोर पर लोग यहां पर अपने विचलित मन को शांत और सुंदर दृश्य को देखने आते हैं।परंतु यदि उनके साथ ऐसी कोई घटना हो जाए तो उनका मन और भी ज्यादा अशांत और परेशान हो जाता है। जिस कारण वह फिर उस द्वारा जगह पर नहीं जाते हैं। कुछ ऐसे ही लोगों के कारण भारत में अतिथि देवो भवाह का भी अनादर किया गया है। पर्यटकों को उठाकर अपने घर ले जाना और वहां उनके साथ दुर्व्यवहार करना कुछ लोगों की यही करतूतें देश को नीचे करने में लग जाता है।

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पर्यावरण और पर्यटन पर निबंध | Essay on Environment and Tourism | Hindi

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पर्यावरण और पर्यटन पर निबंध | Here is an essay on ‘Environment and Tourism’ for class 8, 9, 10, 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on ‘Environment and Tourism’ especially written for school and college students in Hindi language.

पर्यावरण और पर्यटन पर निबंध | Essay on Environment and Tourism

Essay Contents:

  • पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (Environmental Impact Assessment)
  • राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal)
  • भारत में टिकाऊ विकास के प्रयास (Efforts for Sustainable Development in India)
  • पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन (Environment and Climate Change)
  • नेशनल ग्रीन अकाउंटिग सिस्टम (National Green Accounting System)
  • ग्रीन इंडिया मिशन (Green India Mission)
  • देश का पहला अन्तर्राज्यीय जैव-विविधता कॉरिडोर (Country’s First Interstate Biodiversity Corridor)
  • वायु गुणवत्ता मौसम पूर्वानुमान प्रणाली ‘सफर’ (System of Air Quality Weather Forecasting and Research)
  • सिस्टम ऑफ राइस इन्टेन्सीफिकेशन (SRI) (System of Rice Intensification)
  • आर्कटिक में भारतीय अभियान (Indian Expedition to Arctic)
  • विश्व में पहला हिमनद प्राधिकरण (The World’s First Glacier Authority)
  • पारिस्थितिकी पर्यटन (Ecotourism)
  • नई राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2015 (The New National Tourism Policy)

Essay # 1. पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (Environmental Impact Assessment):

भारत में पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन कार्यक्रम 1978 ई. में शुरू किया गया । जनवरी 1994 में जारी अधिसूचना के जरिए औद्योगिक, उत्खनन, सिंचाई, परिवहन, पर्यटन, संचार आदि विभिन्न क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं की 29 श्रेणियों के लिए इस कार्यक्रम को अनिवार्य बना दिया गया, जो वर्तमान समय में बढ़कर 39 हो गई है ।

1997 ई. में इस अधिसूचना में संशोधन कर जन-सुनवाई को इस आकलन प्रक्रिया का अनिवार्य अंग बना दिया गया । पर्यावरण संबंधी मंजूरी मंत्रालय में पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन एजेंसी द्वारा की जाती है ।

ADVERTISEMENTS:

किसी भी क्षमता के बिजली संयंत्रों के सह-उत्पादन के मामलों में यह अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया । पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फरवरी 1999 से वन और पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति संबंधी जानकारी को वेबसाईट पर उपलब्ध कराया जाता है ।

परियोजनाओं की प्रकृति के अनुसार कुछ सुरक्षा उपायों की भी संस्तुति की जाती है । व्यवस्थाओं की निगरानी और समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए मंत्रालय ने शिलांग, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, बंगलुरु, लखनऊ और भोपाल में 6 क्षेत्रीय केन्द्र स्थापित किए गए हैं । अधिसूचना में समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं ।

भारत में पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन हेतु दो प्रमुख सिद्धांत व प्रविधियाँ विकसित की गई हैं, जिन्हें U.N.E.P. व U.N.D.P. भी मान्यता देती हैं ।

ये प्रविधियाँ हैं:

(1) आकस्मिक मूल्यांकन विधि

(2) यात्रा लागत विधि ।

इन दोनों में पर्यावरणीय निम्नीकरण से उत्पन्न हानि को डॉलर में मापा जाता है ।

आकस्मिक मूल्यांकन विधि के अंतर्गत पर्यावरणीय ह्रास से उत्पन्न पर्यावरणीय विपदाओं से होने वाली हानि का मूल्यांकन किया जाता है । यह कार्य राज्य सरकारों के पर्यावरण मंत्रालय व राज्य प्रदूषण बोर्डों के द्वारा किया जाता है । इसमें मुख्य रूप से भू-स्खलन एवं प्रदूषण से उत्पन्न होने वाली किसी प्रकार से की आकस्मिक बीमारी से उत्पन्न हानि पर विचार किया जाता है ।

यात्रा लागत विधि में आर्थिक क्रिया कलापों एवं विकास कार्यों को उसके लागत-प्रभाविता (Cost-Effectivity) के आधार पर मूल्यांकित किया जाता है । इसमें यह विश्लेषण किया जाता है कि किसी विकास कार्य से किस प्रकार की पर्यावरणीय हानि की आशंका हो सकती है ।

इस प्रकार वास्तविक लाभ को सिर्फ आर्थिक परिप्रेक्ष्य में ही नहीं वरन् पर्यावरणीय परिप्रेक्ष्य में भी विश्लेषित किया जाता है एवं इसके लिए पर्यावरण व वन मंत्रालय तथा विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय मूल्यांकन के कार्य करते हैं । 1999 ई. से 30 करोड़ से अधिक लागत के सभी विकास कार्यों के लिए पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति आवश्यक मानी गई है ।

पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन के लिए पाँच प्रमुख कारकों पर ध्यान दिया जाता है । इनमें वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण, मृदा-प्रदूषण, भूमि निम्नीकरण व वनीय ह्रास से उत्पन्न होने वाली हानियों का मूल्यांकन किया जाता है ।

इन सभी कारकों के आधार पर यह अध्ययन किया गया है, कि भारत में प्रत्येक वर्ष पर्यावरणीय निम्नीकरण के परिणामस्वरूप 10 से 13.8 बिलियन डॉलर की हानि होती है, जो हमारे देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4.5 से 6% भाग है । यह भारत के स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर होने वाले खर्च का दो गुना है ।

भारत में पर्यावरणीय निम्नीकरण के छः प्रमुख क्षेत्र हैं:

(1) हिमालयी पर्वतीय क्षेत्र व पूर्वोत्तर राज्य

(2) हरित क्रांति का क्षेत्र

(3) तटीय क्षेत्र

(4) पश्चिमी घाट प्रदेश

(5) बंजर भूमि क्षेत्र

(6) महानगरीय व औद्योगिक क्षेत्र ।

इन क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं को पहचानते हुए इनके समाधान हेतु विविध पर्यावरणीय प्रबंध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।

इन्हें पाँच उपागमों में बाँटकर देखा जा सकता है जो निम्न हैं:

1. निषेधात्मक ( Prohibitive):

इसके अंतर्गत वन ह्रास पर रोक, झूम खेती पर रोक (1976), वायु प्रदूषण निवारण कानून (1972), जल-प्रदूषण निवारण कानून (1982), पर्यावरण-संरक्षण अधिनियम (1986), वन-कानून (1988) आते हैं, जो कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में असंतुलित व्यवहार के लिए निषेधात्मक उपाय करते हैं ।

2. संरक्षणात्मक ( Protective):

इसके अंतर्गत समस्त जीव-जंतुओं व पौध प्रजातियों के संरक्षण का प्रयास किया जाता है । इसके लिए जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र, बाघ परियोजनाएँ, राष्ट्रीय पार्क, वन्य जीव अभ्यारण्य आदि स्थापित किए गए हैं ।

3. पुनर्विकास (Redevelopment):

इसके अंतर्गत राष्ट्रीय वानिकी, क्षतिपूर्ति वानिकी, सामाजिक वानिकी आदि आते हैं । बंजर-भूमि विकास, मृदा-संरक्षण, जैविक-खादों का प्रयोग, फसल-चक्र के नियम का अनुपालन, कृषि जलवायविक प्रदेश का निर्धारण एवं उसके आधार पर कृषि की पद्धतियों का अपनाना आदि उपाय आते हैं ।

4. अनुसंधान ( Research):

इस हेतु विभिन्न अनुसंस्थान स्थापित किए गए हैं । इनमें Central Arid Zone Research Institute (CAZRI) जोधपुर, Indira Gandhi National Forest Academy देहरादून, Wood Genetic Research Institute कोयम्बटूर, National Deciduous Forest Institute जबलपुर आदि प्रमुख संस्थान स्थापित किए गए हैं ।

विश्वविद्यालयों में पर्यावरण संबंधी शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है । दूर-संवेदी उपग्रहों एवं भौगोलिक सूचनातंत्र (G.I.S.) व पर्यावरणीय सूचनातंत्र (E.I.S.) के माध्यम से पर्यावरण-ह्रास पर निगरानी रखी जा रही है ।

5. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग ( International Cooperation):

भारत, विश्व में पर्यावरण से संबंधित सभी सम्मेलनों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है एवं सभी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, सिवाय NPT व CTBT के । सैद्धांतिक रूप से भारत इन समझौतों पर भी हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है बशर्ते इसमें से भेद-भाव परक प्रावधान हटा लिए जाएँ ।

वस्तुतः CTBT व NPT में परमाणु संपन्न देश और गैर-परमाणु देशों में अधिकार संबंधी भेद-भाव है, जिसका भारत विरोधी रहा है । आमतौर पर भारत ने पर्यावरणीय सम्मेलनों के विभिन्न प्रस्तावों का पालन किया है । उदाहरण के लिए 1972 ई. के स्टॉकहोम सम्मेलन के पश्चात् भारत में वायु-प्रदूषण निवारक कानून लागू किए गए ।

वन्य जीवन अधिनियम पारित किया गया । टाइगर प्रोजेक्ट शुरू किया गया । जैव-विविधता के सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ किया गया । इसी प्रकार भारत ने मांट्रियल प्रोटोकॉल, रियो-डि-जेनेरियो में पारित एजेंडा-21, क्योटो प्रोटोकॉल आदि सभी के प्रति सहमति व्यक्त करते हुए इसके प्रावधानों के अनुसार कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं ।

1988 ई. में बेलग्रेड में भारत ने Planet Protection Fund की दिशा में भी अग्रणी कदम उठाये थे ।

इस प्रकार भारत में पर्यावरणीय प्रबंधन हेतु बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं । भारत उन देशों में आता है जहाँ पर्यावरण के संबंध में पर्याप्त जागरूकता आई है एवं विकास कार्यों के क्रम में पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन पर बल दिया जाता है ।

परंतु भारत में पर्यावरणीय प्रबंधन की दिशा में कुछ समस्याएँ और बाधाएँ भी हैं । पूँजी व तकनीक की कमी के कारण पर्यावरणीय प्रबंधन के कार्यों में बाधाएँ आती हैं ।

अतः विकसित देशों को चाहिए कि इस संबंध में भारत को सहयोग उपलब्ध कराए । साथ ही सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन, गरीबी, जनसंख्या में अनियंत्रित वृद्धि आदि की समस्याओं के समाधान के बिना भारत में पर्यावरणीय प्रबंधन का सही कार्यान्वयन नहीं हो सकता ।

अतः इस संबंध में दीर्घकालिक नीति बनाने की आवश्यकता है एवं जनभागीदारी व जनजागरूकता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जाने की आवश्यकता है ।

Essay # 2. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal):

पर्यावरण संबंधी कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन व पर्यावरण के अधिकारों की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal-NGT) को दिल्ली में 19 अक्टूबर, 2010 को स्थापित कर दिया गया ।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम व जैव विविधता अधिनियम सहित जल एवं वायु प्रदूषण के बचाव के लिए बनाए गए सभी पर्यावरणीय कानूनों से संबंधित अपीलें इस न्यायाधिकरण में की जा सकेंगी । विभिन्न एजेन्सियों के बीच पर्यावरण संबंधी विवादों का निपटारा भी इस न्यायाधिकरण में होगा ।

मंत्रालय और पर्यावरण मंत्री के विरुद्ध वाद भी इसमें दायर हो सकता है । इससे अदालतों में मुकदमों से लंबित होने से मुक्ति मिलेगी । केन्द्र सरकार का लक्ष्य एक राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण (National Environment Authority-NAE) के गठन का है जो पर्यावरण संबंधी कानूनों के अनुपालन की निगरानी का कार्य करेगा ।

Essay # 3. भारत में टिकाऊ विकास के प्रयास ( Efforts for Sustainable Development in India):

आर्थिक विकास और पर्यावरण सुरक्षा के मध्य एक वांछित संतुलन बनाए रखना ही निर्वहनीय या टिकाऊ विकास है । इसमें भावी पीढ़ियों के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति करने की क्षमताओं से समझौता किए बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा किया जाए । भारत में टिकाऊ विकास के अंतर्गत विभिन्न कार्य हो रहे हैं ।

इन्हें निम्न शीर्षकों के अंतर्गत देखा जा सकता है:

1. वनारोपण व सामाजिक वानिकी

2. मृदा संरक्षण व परती भूमि विकास कार्यक्रम

3. कृषि जलवायुविक प्रादेशीकरण

4. वाटर शेड प्रबंधन

5. फसल चक्र के नियम का पालन

6. शुष्क कृषि विकास

इसके अलावा जीव-मंडल विकास कार्यक्रम राष्ट्रीय अभ्यारण्य, जलग्रस्त भूमि संरक्षण, मैंग्रोव संरक्षण, तटीय पारिस्थितिकी एवं मलिन बस्तियों में सुधार, प्रदूषण को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के कानून आदि को भी शाश्वत विकास की दिशा में भारत में हो रहे प्रयासों के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है ।

वस्तुतः भारत उन विकासशील देशो में आता है, जहाँ पर्यावरण के संबध में व्यापक जागृति आई है एवं टिकाऊ विकास हेतु सराहनीय प्रयास किए गए हैं ।

Essay # 4. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन (Environment and Climate Change):

2008 में जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय कार्य योजना प्रारंभ हुई थी । इसमें जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनने तथा विकास के पथ की पारिस्थितिकीय टिकाऊपन बढ़ाने की कार्यनीति की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है । इसके अनुसरण में आठ राष्ट्रीय मिशनों की शुरूआत की जा रही है ।

जिनमें निम्न शामिल हैं:

a. राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन

b. ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का मिशन

c. रहन-सहन के लिए मिशन

d. जल संरक्षण मिशन

e. हिमालय के लिए मिशन

f. ग्रीन इंडिया मिशन

g. टिकाऊ कृषि मिशन

h. ज्ञान का रणनीतिक मिशन

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जलवायु परिवर्तन पर एक्शन प्लान लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है । महाराष्ट्र के पुणे में जलवायु परिवर्तन अनुसंधान के लिए समर्पित केन्द्र की स्थापना की गई है ।

Essay # 5. नेशनल ग्रीन अकाउंटिग सिस्टम (National Green Accounting System):

मई, 2011 में भारत सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार आर्थिक वृद्धि एवं विकास के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के आकलन हेतु हाल ही में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया ।

यह विशेषज्ञ समूह ‘राष्ट्रीय हरित लेखा प्रणाली’ के लिए एक खाका तैयार करेंगे, जिसके तहत् वर्ष 2015 तक आर्थिक विकास के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया जा सकेगा । पर्यावरणीय मूल्यों पर गौर करने के बाद यह विशेषज्ञ समूह वर्ष 2015 तक ‘सकल घरेलू उत्पाद (GDP)’ का विवरण प्रस्तुत करेगा ।

Essay # 6. ग्रीन इंडिया मिशन (Green India Mission):

20 फरवरी, 2014 को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में ‘राष्ट्रीय ग्रीन इंडिया मिशन’ को मंजूरी प्रदान की गई । इसका लक्ष्य भारत के घटते वन क्षेत्र का संरक्षण, पुनर्वनीकरण और वन क्षेत्र में वृद्धि करना है । राष्ट्रीय ग्रीन इंडिया मिशन की क्रियान्वयन अवधि 12वीं एवं 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 10 वर्ष की होगी । संपूर्ण मिशन की लागत लगभग 46 हजार करोड़ रुपए है ।

संपूर्ण योजनावधि के दौरान चारों राज्यों (मणिपुर, मिजोरम झारखण्ड एवं केरल) में 1,08,335 हेक्टयेर कुल वन एवं गैर-वन क्षेत्र के लिए जाएंगे । इसमें से 81,939 हेक्टेयर वनों के घनत्व को बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा । 9 अक्टूबर, 2015 को देश के चार राज्यों को स्वीकृति प्रदान की गई ।

Essay # 7. देश का पहला अन्तर्राज्यीय जैव-विविधता कॉरिडोर (Country’s First Interstate Biodiversity Corridor):

प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर शिवालिक पर्वत शृंखला क्षेत्र में स्थित प्राकृतिक वासों, वनस्पतियों एवं जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से यहाँ देश का पहला अंतर्राज्यीय जैव-विविधता कॉरिडोर स्थापित करने की घोषणा 6 सितम्बर 2010 को की गई ।

वैसे तो नीलगिरि, अचनकमार-अमरकंटक तथा अगस्त्यमलाई जीवमण्डल अभ्यारण्य भी एकाधिक राज्यों में स्थित है परंतु इन अभ्यारण्यों का प्रबंधन सम्मिलित राज्यों के मध्य बँटा हुआ है । यह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर तथा उत्तराखंड राज्य सम्मिलित होंगे ।

Essay # 8. वायु गुणवत्ता मौसम पूर्वानुमान प्रणाली ‘सफर’ (System of Air Quality Weather Forecasting and Research):

सफर (SAFAR: System of Air Quality Weather Forecasting And Research) प्रथम भारतीय वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली है, जिसका विकास भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) द्वारा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के साथ मिलकर किया गया है ।

इस प्रणाली के एंड्रायड मोबाइल आधारित एप्लीकेशन (App) ‘सफर-एयर’ को 17 फरवरी 2015 को राष्ट्र को समर्पित किया गया । ‘सफर-एयर’ एप्लीकेशन से स्थानीय वायु गुणवत्ता सम्बंधी सूचनाओं के साथ-साथ भावी 3 दिनों की वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान भी प्राप्त किया जा सकता है ।

यह मोबाइल एप कलर कोडेड सिस्टम (जिसमें अच्छे से खराब तक 6 वायु गुणवत्ता स्तरों के लिए पृथक रंग निर्धारित हैं) के माध्यम से वायु गुणवता सूचनाएँ उपलब्ध कराएगा ।

भारत के ‘द इनर्जी रिसर्च इंस्टीट्‌यूट’ (TERI) द्वारा विकसित ऑयलजैपर एक विशिष्ट बैक्टीरिया है, जो समुद्री तट पर ऑयल टैंकरों से तेल रिसने पर उसके जैव उपचार में सहायक होता है । येह बैक्टीरिया 80 ० C से 40 ० C तापमान के बीच पूरी तरह क्रियाशील रहता है एवं तेल के चारों परतों को नष्ट कर देता है ।

ऑयलजैपर एक पाउडर की तरह होता है, जिसे तेल रिसाव वाले परत पर छिड़का जाता है । तीन-चार महीने के अंदर बैक्टीरिया पूरे तेल को खा जाती है । इस प्रकार समुद्री प्रदूषण को नियंत्रित करने व सामुद्रिक पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने में इसकी महती भूमिका हो सकती है । यह तकनीक अन्य विकल्पों की तुलना में 40% सस्ता है ।

Essay # 9. सिस्टम ऑफ राइस इन्टेन्सीफिकेशन (SRI) (System of Rice Intensification):

W.W.F. ने धान की खेतों से निकलने वाले नुकसानदेह मिथेन गैस को कम करने हेतु धान की कृषि का ऐसा तरीका निकला है, जिससे 40% पानी भी बचेगा तथा 30% ज्यादा फसल भी उत्पादित होगी । टिकाऊ कृषि के विकास के दिशा में किए जा रहे इस प्रयास में रासायनिक खाद के बदले कम्पोस्ट और जैविक खाद उपयोग पर बल दिया जाएगा ।

कम पानी वाले और पोषक तत्वों वाली नर्सरी तैयार करना व नन्हें पौधों के बीच पर्याप्त जगह छोड़ना इस पद्धति में शामिल हैं । धान की खेती के इस तरीके को सिस्टम ऑफ राइस इन्टेन्सीफिकेशन (SRI) कहा गया है । ऐसा अनुमान है कि SRI तकनीक के द्वारा हम बेहतर खाद्य सुरक्षा हेतु चावल उत्पादन में गत्यात्मकता ला सकेंगे एवं सतत् कृषि विकास के दिशा में भी बढ़ पाएंगे ।

Essay # 10. आर्कटिक में भारतीय अभियान (Indian Expedition to Arctic):

भारत का प्रथम आर्कटिक अभियान ‘हिमाद्रि’ अगस्त 2007 को नार्वे के स्वालबर्ड के स्पिटबर्जन में भेजा गया । उत्तरी ध्रुव से 1200 किलोमीटर दूर ‘नि-एलीसंड’ में हिमादि अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया है ।

नार्वे के स्पिटबर्जन के पश्चिमी तरफ नि-एलींसड ही सूदूर उत्तर में ऐसा स्थान है, जहाँ मनुष्य रह मकते हैं । आर्कटिक क्षेत्र में मुख्यतः जलवायु परिवर्तन, पुराजलवायु हिमनद विज्ञान, भू-विज्ञान, समुद्री जीव विज्ञान और सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्रों में अनुसंधान किया जाएगा ।

Essay # 11. विश्व में पहला हिमनद प्राधिकरण ( The World’s First Glacier Authority):

उत्तराखण्ड के हिमनदों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने अनूठी पहल की है । सरकार ने इनके संरक्षण के लिए हिमनद प्राधिकरण बनाने का निर्णय 14 जून, 2010 को लिया है ।

हिमनद प्राधिकरण बनाने वाला उत्तराखंड विश्व का पहला राज्य होगा । सूत्रों के अनुसार इस प्रस्तावित प्राधिकरण का नाम ‘स्नो एंड ग्लेशियर अथॉरिटी’ रखा गया है । राज्य के मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे । प्राधिकरण करीब 1400 छोटे बड़े हिमनदों में जलवायु परिवर्तन से आए बदलाव का अध्ययन करेगा ।

Essay # 12. पारिस्थितिकी पर्यटन ( Ecotourism):

अपने स्वयं के मूल स्थान के बाहर की यात्रा, जो व्यक्ति एक वर्ष से कम अवधि के लिए अवकाश या अन्य उद्देश्य के लिए करता है । उस व्यक्ति के क्रियाकलापों को पर्यटन की संज्ञा दी गई है । यात्रा भ्रमण के दौरान प्रकृति-प्रदत जिन जैविक व अजैविक वस्तुओं तथा पर्यावरण का आनन्द पारिस्थितिकी-प्रणाली को प्रभावित किए बिना लिया जा सकता है, उसे हही पारिस्थिातिकी-पर्यटन कहा जाता है ।

प्रमुख आर्कषण के रूप में प्राकृतिक पर्यावरण, पर्यावरणीय रुचि के दर्शकों की पर्याप्त संख्या, पारिस्थितिकी को प्रभावित न करने वाले क्रियाकलाप तथा पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी इसके प्रमुख तत्व हैं । संरक्षण सत्ता तथा जैव विविधता पर्यावरण पर्यटन के तीन अंतर संबंधित पहलू हैं ।

Essay # 13. नई राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2015 ( The New National Tourism Policy):

1 मई, 2015 को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2002 की राष्ट्रीय पर्यटन नीति के स्थान पर प्रस्तावित ‘नई राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2015’ का मसौदा जारी किया गया । वर्तमान में वैश्विक पर्यटक आगमन में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.68 प्रतिशत है, जिसे वर्ष 2020 तक बढ़ाकर 1 प्रतिशत और 2025 तक 2 प्रतिशत के स्तर पर लाने का लक्ष्य प्रस्तावित नीति में रखा गया है ।

राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2002 पर पुनः ध्यान देते हुए ठोस ‘कार्य योजना’ के साथ सतत् एवं उत्तरदायित्वपूर्ण रूप से पर्यटन के विकास पर बल दिया गया था । इसमें एक ‘राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार बोर्ड’ के गठन का प्रस्ताव किया गया है ।

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पर्यटन का अर्थ एवं परिभाषा – What Is Tourism Definition In Hindi

पर्यटन का अर्थ एवं परिभाषा  – what is tourism definition in hindi, पर्यटन का अर्थ एवं परिभाषा.

भारतीयों के लिए पर्यटन कोई नई घटना नहीं है। विभिन्न भाषाओं और विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन के अलग-अलग अर्थ हैं और इन्हें अलग-अलग तरीकों से परिभाषित किया जा सकता है। वर्तमान समय में पर्यटन मानव इतिहास के शुरुआती दौर की यात्रा के समान नहीं है।

यहूदियों की भाषा में, तोराह शब्द का अर्थ है अध्ययन या खोज और दौरा लैटिन में मूल शब्द टॉरनोस इसके करीब से निकला है। टॉरनोस एक तरह का गोल पहिया था जैसे यात्रा सर्किट या पैकेज टूर के विचार पर उपकरण इशारा करते हैं

पर्यटन एक आधुनिक शब्द है जो अंतर्राष्ट्रीय और देशीय दोनों पर्यटकों के लिए उपयोगी होता है। यह उन लोगों केिए होता है जो अपने सामान्य जीवन से बाहर निकलकर अलग-अलग स्थानों की यात्रा करते हैं। ये लोग आनंद के लिए यात्रा करते हैं और एक से दूसरे स्थान पर जाते हैं या एक ही स्थान पर बार-बार जाते हैं। इसमें वे आर्थिक गतिविधों का हिस्सा बनते हैं जो बार-बार आयोजित की जाती हैं।

छुट्टियों के लिए भ्रमण, व्यापार या व्यावसायिक दौरा पर्यटन का ही एक हिस्सा होता है। व्यापारिक या व्यावसायिक पर्यटन का संबंध विभिन्न पक्षों के बीच सहयोग की चेष्टा के लिए होता है। आज के युग में भू-मण्डलीय अर्थव्यवस्था के भविष्य संबंधी आर्थिक सुधारों का है। यह ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को हमारे महानगरों और उद्योग व वाणिज्य के बढ़ते हुए अन्य केन्द्रों के निकट ला रहा है।

पर्यटन की परिभाषा | Tourism Definition In Hindi

1) वी.एस. हरमन – ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री.

पर्यटन परिचालन का कुल योग है, मुख्य रूप से एक आर्थिक प्रकृति, जो सीधे एक निश्चित देश, शहर या क्षेत्र के अंदर और बाहर विदेशियों के प्रवेश, रहने और आंदोलन से संबंधित है।

2) हुन्जिकर और क्रैफ

पर्यटन, यात्रा और अजनबियों के ठहरने से उत्पन्न होने वाले संबंध और घटना की समग्रता है, बशर्ते कि ठहरने से स्थायी निवास की स्थापना न हो और वह पारिश्रमिक गतिविधि से जुड़ा न हो।

3) अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन सोसायटी

पर्यटन विशेष गतिविधियों की दृष्टि से चुना जाता है और घर के वातावरण के बाहर किया जाता है। पर्यटन रात भर घर से दूर रहता है या इसमें शामिल नहीं हो सकता है।

पर्यटन में दृश्यों और इसके जंगली पौधों और जानवरों के साथ-साथ इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले किसी भी मौजूदा सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन, प्रशंसा और आनंद लेने की विशिष्ट वस्तु के साथ अपेक्षाकृत कम या बिना पढ़े-लिखे प्राकृतिक क्षेत्रों की यात्रा करना शामिल है।

पर्यटन लोगों के काम और निवास के अपने सामान्य स्थान के बाहर गंतव्य के लिए अस्थायी आंदोलन है।

मनोरंजन के लिए, रुचि के स्थानों पर जाने के लिए, ज्ञान लेने के लिए, आने-जाने में प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों पर जाने को पर्यटन के रूप में जाना जाता है।

क्या है पर्यटक – What is Tourist Definition in Hindi

शब्द ‘पर्यटक’ की उत्पत्ति A.D.1292 तक है। यह शब्द टूर से आया है जो लैटिन शब्द टर्नर की व्युत्पत्ति है जिसका अर्थ है एक वृत्त या टर्नर के पहिये का वर्णन करने के लिए एक उपकरण।

17 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में इस शब्द का इस्तेमाल देश से लेकर देश या क्षेत्र के प्रमुख हिस्सों को छूने वाली यात्रा के लिए किया जाता था।

1) 19 वीं सदी का शब्दकोश

‘पर्यटक’ एक ऐसा व्यक्ति है जो जिज्ञासा से बाहर यात्रा करने की खुशी के लिए यात्रा करता है और क्योंकि उसके पास करने के लिए कुछ भी बेहतर नहीं है।

2) शब्दकोश सार्वभौमिक

टूरिस्ट ’वह व्यक्ति है जो आनंद के लिए यात्रा करता है जो यात्रा के आनंद के लिए जिज्ञासा के लिए यात्रा करता है या केवल दूसरों को बताता है कि उसने यात्रा की है।

3) प्रारंभिक 19 वीं शताब्दी की परिभाषा

‘वह जो दौरे करता है, विशेष रूप से वह जो मनोरंजन के लिए ऐसा करता है या जो जीवन के आनंद, वस्तुओं, रुचि, दृश्यों या आनंद के लिए यात्रा करता है।

4) विश्व पर्यटन संगठन

एक पर्यटक वह व्यक्ति होता है जो अपने सामान्य निवास स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान पर यात्रा करता है और होटल या अन्य आवास प्रतिष्ठानों में 24 घंटे से कम नहीं और सुख, तीर्थयात्रा, धार्मिक के लिए 6 महीने से अधिक नहीं के लिए व्यावसायिक आधार पर चलता है। या सामाजिक कार्य, अध्ययन और स्वास्थ्य, बैठकें, व्यवसाय आदि उद्देश्य।

अवकाश, मनोरंजन और पर्यटन के बीच संबंध | Relation B/w Holiday,Entertainment And Tourism

ये तीन शब्द अक्सर समान अर्थ व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। वास्तव में इन शब्दों के बीच क्या संबंध है?

अवकाश – यह काम, आराम, और घरेलू कामों के बाद बचे हुए समय से संबंधित है। अवकाश वह समय होता है जब कोई व्यक्ति अपनी आत्माओं को ताज़ा करना पसंद करता है।

मनोरंजन – इसका मतलब है कि ऐसी गतिविधियाँ, जो एक व्यक्ति अपने स्वभाव को ताज़ा करने के लिए चुन सकता है। इसमें गोल्फ के खेल के रूप में विविध गतिविधियां शामिल हो सकती हैं, विदेश यात्रा।

टूरिज्म – टूरिज्म इन गतिविधियों में से एक है जिसे कोई व्यक्ति अपने स्पृत को ताज़ा करने के लिए कर सकता है। यह पर्यटन को एक व्यक्ति के मनोरंजन गतिविधियों के हिस्से के रूप में मजबूती से रखता है।

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सांस्कृतिक दृष्टि से, व्यावसायिक दृष्टि से, पर्यटन की दृष्टि से, शैक्षणिक दृष्टि से, जिज्ञासा शांत करने की दृष्टि से, दर्शनीय स्थलों को देखने की दृष्टि से, मनोरंजन की दृष्टि से, स्वास्थ्य की दृष्टि से.

- डॉ ममता मेहता

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Tourism Essay for Students and Children

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500+ Words Essay on Tourism

Tourism Essay – Tourism is a major economic activity that has developed significantly over the years. It’s an activity that can be recognized in both developed and developing nations. In general terms, tourism is the movement of a person from one place to another to visit and mesmerize the beauty of that place or to have fun. Moreover, the concept of traveling is considered a luxury and only people with higher income can afford this luxury.

Tourism Essay

The Growth of Tourism

Earlier our ancestors used to travel by sea routes as it was a convenient and most affordable medium but it was time taking. Due to, technological advancement we can now easily travel to any place without wasting time we can travel thousands of miles within a few hours. Technological advancement has shrunk the earth into a global village. Besides, the modern modes are much safer than the modes that our predecessors used.

Effect of Tourism on a Country

For any country, tourism generates a lot of money especially a country like India. Due to the Taj Mahal (one of the seven wonders of the world) every year the government raise a huge sum of revenue. Also, because of tourism other industries also bloom. Such industries include transportation, wildlife, arts and entertainment, accommodation, etc.

Moreover, this ultimately leads to the creation of job and other opportunities in the area. But there are some drawbacks too which can affect the lifestyle and cultural value of the country.

Importance of Tourism

Traveling is a tiring and difficult thing and not everyone is able to travel. But at the same time, it’s a fun activity that takes your tiredness away. Travelling adds flavor to life as you travel to different places that have a different culture and lifestyle. Also, it’s an easy way to learn about the culture and tradition of a place. Besides, for many areas, tourism is their main source of income.

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India- A Tourist Attraction

The Taj Mahal is not the only destination in India that attract tourist. Likewise, there are hundreds of tourist destination that is spread over the Indian plateau. India has a large variety of Flora and Fauna. Besides, the equator divides the geographical land of India into almost two equal halves that make India a country where six seasons occurs.

Moreover, in almost every city of India, there is a historical monument made by the rulers in their time period.

Benefits of Tourism

Tourism not only benefits the government but also the people that live in the local area. It also creates a business as well as employment opportunities for the local people which ultimately help the government to earn income.

Benefits Due to Tourism

As we know that tourism contributes a lot to the revenue of the country. Also, the government uses this income for the growth and development of the country. Likewise, they construct dams, wildlife sanctuaries, national parks, Dharamshala and many more.

In conclusion, we can say that tourism is a very productive activity both for the tourist and the government. As they support each other simultaneously. Also, the government should consider improving the conditions of the country as more and more number of tourist visit their country.

Above all, tourism is one of the fastest-growing industry in the world that has changed the scenario of the world.

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Essay on “Tourism in India” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Tourism in India

6 Best Essays on “Tourism in India”

Essay No. 01

Tourism is one of the fastest-growing industries in the world. It plays a vital role in the economic development of a country. India is one of the popular tourist destinations in Asia. Bounded by the Himalayan ranges in the north and surrounded, on three sides by water, India offers a wide array of places to see and things to do. The enchanting backwaters, hill stations, and landscapes make India a beautiful country. They attract tourists from all over the world.

Tourism is the second largest foreign exchange earner in India. The tourism industry employs a large number of people both skilled and unskilled. Tourism is the largest service industry in India with a contribution of 6.23 percent of the national GDP and 8,78 percent of the total employment in India. Hotels, travel agencies, transport including airlines benefit a lot from this industry. Tourism promotes national integration and international understanding. It generates foreign exchange. It promotes cultural activities.

India has a composite culture. There is a harmonious blend of art, religion, and philosophy. Though India has been subjected to a series of invasions, she has retained her originality even after absorbing the best of the external influences. Religions like Christianity, Buddhism, Islam, Hinduism, Jainism, Sikhism, and Zoroastrianism, etc. have co-existed in India. India has fascinated people from all over the world with her secularism and her culture.

The diverse geographical locales of India delight the tourists. The monuments, museums, forts, sanctuaries, places of religious interest, palaces, etc. offer a treat to the eyes. Every region is identified with its handicrafts, fairs, folk dances, music, and its people.

Some of the places that attract a huge number of tourists are Agra, Jaipur Jhansi, Hyderabad, Nalanda, Mysore, Delhi, Mahabaleshwar, A Aurangabad, etc. Haridwar, Ujjain, Shirdi, Varanasi, Allahabad, Puri, Jammu, Badrinath, etc. are famous hill resorts.

The Tourism Advisory Board recommends measures for the promotion of tourist traffic in India. It reviews the tourist trends and suggests appropriate measures. Some of the palaces havelis and castles have been converted into heritage hotels. In these hotels, the tourists get to experience the exotic lifestyle of a bygone era. The exotic train Palace on Wheels which travels through Rajasthan attracts a lot of foreign tourists. The Indian Tourism Development Corporation organizes entertainment programs like folk dances and songs and provides shopping facilities. Today many private companies like Sita Travels, Club Mahindra, etc. arrange domestic as well as foreign tours.

With the growth of the urban professional middle class, tourism n India is flourishing. Many states have taken necessary steps to promote tourism. Goa promotes water sports like sailing scuba diving and rafting. Kashmir offers the pleasure of winter sports like skiing and mountaineering.

In2005 the Indian Tourism Development Corporation started a campaign called Incredible India to encourage tourism in India. The slogan of this campaign is Athithi Devoh Bhaboh. For better growth, the department divided different places into different sections like spiritual tourism spa tourism eco-tourism, and adventure tourism.

India’s performance in the tourism sector has been quite impressive. During the period 2002 to 2009 India witnessed an increase in the Foreign Tourist Arrivals from 2.38 million to 5.11 million resulting in an average annual increase of about 11.5 percent. Domestic tourism has also got a big boost. The number of domestic tourist visits increased from 270 million in 2002 to 650 million in 2009 with an average annual growth rate of 13.4 percent.

India has a growing medical tourism sector. With an increasing number of foreign patients flocking to India for treatment, our country has become an attractive destination for medical tourism. Things have now started looking bright for the tourism industry.

On the negative side, tourism may damage the environment. In order to accommodate a large number of tourists, sprawling resorts are built. The indiscriminate construction destroys local architectural styles and ecological balance. Arrangements, as desired by tourists, are provided in order to satisfy them.

The Indian tourism industry has been hit by pollution. The effluents emitted by the Mathura Refinery have led to the discolorization of the Taj Mahal in Agra. The condition of many of our monuments is deteriorating due to the negligence of the authorities concerned.

Terrorism nowadays has become a global problem. Our country is also not an exception. The terrorist attacks agitations and separatist movements hinder the growth of tourism. Kashmir is a paradise for domestic and international tourists. The Skirmishes in this valley hamper the growth of tourism which is very important for the economy of the state.

The tourism infrastructure in India should be strengthened. Airports and railway stations should provide information to the tourists about the tourist destinations. Government-owned hotels should be properly managed. The government should be taken to restore the ancient splendor of the monuments. Sincere efforts could help to further develop the Indian tourism industry.

Essay No. 02

Over the years, tourism has grown as a flourishing industry. Some countries, even small ones, like Singapore, the Caribbean, Japan, Hong-Kong (now under China), Thailand, and even Malaysia have made great progress with the earnings obtained from tourists.

In India, earnings to the government and people from tourism as compared to such countries are only fractional. There may be several reasons for this.

Tourism in India can become a viable industry if effective and concerted steps are taken. First of all, red-tapism should be ended. All bottlenecks and harassment to tourists that scare them should be removed. People at the helms of tourist affairs such as officials of the ministry of tourism, hoteliers emporium-owners, etc. should be taught etiquette and given lessons in ideal behavior that should be meted out to tourists.

India has innumerable attractions for tourists. Throughout the country, there are numerous beauty and scenic spots. There are very good hotels in big cities and tourist complexes on highways. There are several places where the tourists can enjoy adventure games. There are so many ancient temples, mosques, forts, and other historical places in India which the tourists from various countries would like to visit.

Our embassies should supply to the people and governments of other countries all the important information regarding objects and places which can attract the tourists. The coming of the tourists to India and their stay here should be made easier, smoother and more comfortable as far as possible.

(250 Words)

Essay No. 03

The very fast means of travel and communication have brought distant countries closer than ever before. It has resulted in a keen desire in people to travel different parts of the world, to have first-hand knowledge. With the rapid improvement in the living standard of the people, air, train and bus travel have come within the reach of a larger percentage of people. Consequently, there has been a considerable increase in the volume of traffic of tourists. Today, tourism has become the world’s largest and fastest-growing industry. It is an implied export and a rich source of earning foreign exchange. It also generates many employment opportunities. There are many countries in the world where the main source of income is tourism. It is a boon to India as well because foreign visitors bring urgently needed foreign exchange which to a great extent helps the country to offset the deficits in its balance of payments. Tourism promotes business and commercial activities in the country such as transportation, hotel and restaurant services, shopping, banking, etc, and these in turn help in removing unemployment by generating ample employment opportunities. Travel and tourism have great educational, cultural, entertainment, national and international value. Travel has always been a new, refreshing, exciting, and rewarding experience both for domestic and foreign travelers. It promotes national integration, international understanding, harmony, friendship, and goodwill. The importance of travel can hardly be over-emphasized.

India is a vast and great country with a huge potential for the development of tourism. India is full of a number of historical places and monuments, great shrines, and temples, places of pilgrimages, wildlife sanctuaries, hill stations, sea resorts, places of winter sports, etc. Besides, it offers a great variety of cultures, religions, festivals, languages, fairs, music, etc. Really, India’s potential for tourism is as vast as it is varied. Hundred Thousands of foreign visitors come to India every year. Thus, the foreign exchange earnings from tourism run into crores of rupees. While the infrastructure at home is being strengthened, promotional activities are undertaken in a big way abroad to attract more tourists.

With a view to diversify tourist attractions, the development of beach and hill resorts has been taken up. With a view to attracting more tourists, publicity is undertaken in major tourist generating markets of the world through 25 tourist offices located in North America, Europe, Australia, West, and East Asia. The Department of Tourism of the Ministry of Tourism and Civil Aviation has both promotional and organizational functions. They work in close cooperation with the Indian Tourism Development Corporation. There is a network of regional offices abroad and at home for publicity and marketing in the tourist-generating markets. Overseas India has tourist offices in New York, Los Angeles, Chicago, Toronto, London, Geneva, Paris, Frankfurt, Brussels, Stockholm, Milan, Vienna, Kuwait, Bangkok, Tokyo, Singapore, and Sydney. In addition, tourist promotion offices are based in Dallas, Miami, San Francisco, Washington, Osaka, Melbourne, Dubai, and Kathmandu.

To feed promotional material to these offices Indian Embassies, Air India, and the Department of Tourism produce tourist publicity literature in many main world languages. In order to cater to domestic tourism literature in Hindi is also produced. Tourist offices maintain film and photo libraries on subjects of tourist interest. Forest lodges have been constructed in the bird sanctuary at Bharatpur and a number of wildlife sanctuaries. Facilities for viewing wildlife are also provided at these places. To promote youth tourists, a number of youth hostels have been constructed in different parts of the country. For pilgrims, a number of Dharamshalas and Musafir Khanas have been constructed at many centers of pilgrimage. Snow skiing and water skiing are looked after by the Indian Institute of Skiing and Mountaineering, Gulmarg.

Indian Tourism Development Corporation(ITDC) has a nationwide transport system. Its fleet-mix consists of air-conditioned and deluxe coaches, limousine and tourist cars, It has its own travel agency—Ashok Travels and Tours. It also runs sound and light shows at Sabarmati Ashram, Ahmedabad; Red Fort, Delhi, and Shalimar Gardens, Srinagar besides organizing entertainment programs for its hotels.

To encourage foreign tourists, regulations relating to currency, customs, etc., have been liberalized. Rail pass facilities are also available to them. Under the scheme over India, for travel on Indian Airlines domestic services unlisted stopovers facility enroute is available. Some special trains like Palace on Wheels and the Great Indian Rover have been introduced. The former is meant for places of tourist interest in Rajasthan, and the latter for places of Buddhist interest in India.

Thus, there has been a marked improvement in tourist facilities. More hotels are being established, tourist bungalows and beach resorts are being opened. Tourism in India provides a wonderful window to our so varied life, culture, historical places, wildlife sanctuaries, flora, and fauna. Diversity, unity, and assimilation have always been the hallmark of eternal India and these make India the ultimate tourist destination. India unfolds to the visitors new and breathtaking vistas of the grandest scenic beauty and cultural, spiritual, and ideological concepts.

(838 Words)

Essay No. 04

Tourism in India is now recognized as an industry generating huge business and employment. With the opening up of the economy and the globalization of business, tourism is likely to provide further impetus to economic modernization in the country. It promotes national integration and unity, creates employment opportunities, and increases foreign exchange earnings. It also encourages handicrafts and cultural activities. Travel and tourism have great educational, cultural, entertainment, national, international, and business value. Travel has always been a new, refreshing, exciting, and rewarding experience, both for domestic and foreign travelers.

India with its vast cultural, historical, scenic, artistic, and natural wealth has great potential. There are numerous historical places, monuments, pilgrimage centers, shrines, temples, wildlife sanctuaries, hill stations, sea-resorts, places of winter sports, and ancient and modern cities steeped in glory and fascination. Besides, its diversity of cultures, religions, languages, dresses, and weather conditions, etc., add more color to tourism and travel. Consequently, international tourism in India has grown substantially during the last four decades. The foreign tourist arrivals in the country have registered a growth of about 15%. It has today become one of the highest net foreign exchange earning sectors. It is expected to account for an increased percentage of the gross domestic product (GDP) in the coming years. During 2000-2001, the country earned nearly Rs. 15,000 crores in foreign exchange through this sector.

Domestic tourism plays a vital role in achieving various objectives of national unity, integration, cultural harmony, social tolerance, and cohesion. The fast means of travel and communication have brought the distant places of tourist interest in the country closer than ever before. This has resulted in a keen desire in people to travel to different parts of the land and to have first-hand knowledge of them. With the rapid improvement in living standards, aril the increase in the income of the middle classes, the potential for domestic tourism has grown substantially during these years. With a view to diversify tourist attractions, development of beach and hill-resorts has been taken up and infrastructural facilities have been strengthened. In order to increase these facilities, the central Department of Tourism is trying its best to help the various states and union territories with liberal financial aid, etc. More and more Yatri Niwas hotels, tourist lodges, wayside inns, restaurants, cafeterias, tourist bungalows, hotels, and motels, etc., are being opened both in public and private sectors. In addition, financial assistance is being extended by the Centre to state governments for adventure sports activities, tourist transport, and tented accommodation, etc. To consolidate the development of tourism infrastructure, it has been decided to intensively develop a few selected areas/ circuits. Seventeen such areas/circuits have already been identified with the help of the private sector and corporate houses. It has also been decided to take up four-five focus centers as ‘Special Tourism Areas’ in consultation with concerned state governments for integrated development.

Hotel accommodation is an important segment of the tourism industry, with huge potential for employment generation and foreign exchange earnings. To give impetus to this sector, the government provides tax benefits and other incentives to encourage the hotel industry. The industrial policy of the Centre has now placed hotels and tourism-related activities as a priority industry. Foreign investment and collaboration are now facilitated under the new economic policy. Up to 51% foreign equity is now granted automatically. 100% investment from non-resident Indians is allowed. Now the Department of Tourism has streamlined and simplified the rules regarding the grant of approval to travel agents, tour operators, and tourist transport operators so that their services to tourists are standardized and are more broad-based, for both international and domestic tourists. Approval, once granted, is valid forever, provided no complaints are received and the necessary documents are submitted annually. With a view to attracting more chartered flights to India, a system of granting clearance has been formulated. An air-conditioned rake of the Palace on Wheels train, which has been operational in Rajasthan for quite some time now has been very successful and popular. Similar trains are proposed to be operated in few other popular sectors.

A new range of hotels known as Heritage hotels has been introduced to add to the attraction of tourism in India. This class includes hotels opened in palaces, havelies, castles, forts, and residences built prior to 1950. As these traditional places represent and reflect the Indian culture of the past, they have been very popular among tourists. The heritage scheme rightly aims to ensure that such properties and landmarks of our culture and heritage are not lost due to decay and disuse. It also aims at providing additional room capacity for the tourists. So far, fifty properties have been classified in the heritage hotel category, providing a room capacity of over 1500 rooms. Guidelines have also been formulated for the conversion of heritage properties into heritage hotels and their approval is at the project-planning stage.

With a view to attracting more foreign tourists, publicity is undertaken in major tourist generating markets of the world through various tourist offices located in North America, Europe, Australia, West, and East Asia. The Department of Tourism of the Ministry of Tourism and Civil Aviation has both promotional and organizational functions. They work in close co-operation. There is a network of regional offices abroad and at home for publicity and marketing in the tourist-generating markets. Overseas India has tourist offices in New York, Los Angeles, Chicago, Toronto, London, Geneva, Paris, Frankfurt, Brussels, Stockholm, Milan, Vienna, Kuwait, Bangkok, Tokyo, Singapore, and Sydney. In addition, tourist promotion offices are based in Dallas, Miami, San Francisco, Washington, Osaka, Melbourne, Dubai, and Kathmandu. To feed promotional material to these offices, Indian Embassies, Air India and the Department of Tourism produce tourist publicity literature in different languages. In order to cater to domestic tourism, literature in Hindi is also produced. Tourist offices maintain film and photo libraries on subjects of tourist interest.

According to recent expert studies and research, the tourism industry is expected to give employment to 338 million people by the year 2005 throughout the world. It currently provides about 300 million jobs, which is more than one-tenth of all jobs worldwide. India seems to be well-poised to take good advantage of the coming boom in the tourism and hotel industry but proper environment-protection measures should also be taken to prevent degradation of natural resources and wealth of the country. The experts have also underlined the need for greater awareness of the impact and implications of tourism with the globalization and integration of this industry and economy.

Essay No. 05

Tourism is very close to hospitality and hostelling. Institutes such as the Institute of Tourism and Hotel Management, Bundhelkand, University of Jhansi are named as such. It is perhaps medical tourism that is attracting maximum attention at present in India. It is said to be growing at the rate of 30 percent per year. It is said that it can also help India earn 1 to 2 billion dollars by 2010. Specialties attracting maximum medical tourists are dental services. India has also got the best-known expertise in psychiatry, cardiovascular diseases/surgeries, bone marrow transplants, liver surgeries. cataract surgeries, etc.

India is a cheap destination for medical tourism and medical outsourcing. A. bone marrow which costs 2 lakh dollars in the US costs only 69000 dollars in India. The case is the same in other fields. Several hospitals like Apollo and CARE are the hubs of medical —outsourcing: -1-f–Chennai- leads in-the-field of ophthalmology. Kerala is the best destination for naturopathy. In north India besides Delhi, Chandigarh, Ludhiana, and Jalandhar are known for cardiovascular surgeries

In certain states of India such as Haryana, elaborate details are drawn out for such kinds of tourism as farm tourism, rural tourism, religious, cultural, and archaeological tourism. I can be very useful if a number of states work jointly to promote tourism in a region rather than singly in individual states. For this, conclaves of different contiguous states in a region should be held frequently to form innovative strategies to promote tourism in a particular circuit. Areas of interest and tourist spots can be identified and developed jointly. Items like artificial lakes, waterfalls, forests, snow, rain, scenic beauty, etc. can be easily developed. Rural tourism can also help to clean the atmosphere, achieve socio-economic growth and generate employment.

Tourists are mostly fond of seeing sights, visiting ancient archaeological monuments, purchasing unique objects, including dresses, idols, and paintings. They are also fond of watching or participating in adventure games, traveling in toy trains, etc., and observing strange festivals, events, and functions. Many also like such things as monkey tricks at the Jakhoo hills in Shimla or horse riding in Kufri (Shimla).

Essay No. 06

A tourist is essentially a person who tries to escape from the everyday pressures, tensions, and routine work, by deciding to go on a holiday. Some like to go to remote places, deep inside the mountains or jungles, others prefer to visit a religious place or a well-known pilgrimage. Still, others choose seaside resorts or a city of full historical monuments.

India is a blessed country. It is a virtual tourist’s paradise. It has lofty mountains, vast deserts and seashores, dense forests, and river valleys. It also has a 2000-year-old historical heritage reflected in its forts. temples and ancient ruins, India is a virtual treasure house of different classical and folk art forms, viz. dances, theatre, paintings, sculptures, pottery, poetry, ornaments, dress material, food, customs and traditions, languages, scripts and scriptures, and literature, both written and spoken. This gives a tourist unlimited options to choose from.

Although the concept of tourism, as an industry never developed systematically in India, sporadic individual efforts and the ad-hoc approach taken by the government have led to the stilted development of this industry and its infrastructure.

The realization that India has a vast tourist potential and the right ingredients for the development of a flourishing industry is of a recent origin.

The impetus currently being given to tourism has already borne fruits. The gradually enlarging tourist traffic has helped in creating a climate favorable to tourism in India.

More and more efficient facilities for tourist in terms of accommodation, recreation, transport, shopping and development of new tourist spots is the need of the hour. Maintenance and preservation of our archaeological monuments and samples of our ancient art on paper, fabric, wood, ceramic, and metal for generating tourists and scholar’s interest should go hand in hand

Care should also be taken to develop other characteristics of Indian cultures, like hospitality, etc. so that tourists who are not interested in five-star India, and who wish to see India at close quarters get an opportunity to do so.

There is also another category of tourists-the domestic tourists. Tourists of this kind generally take their family on holiday to other parts of the country. It is not unusual for them to travel in large groups or prefer package tours. Not only are they budget-conscious, but they also look for bargains and cost-effectiveness in transportation, accommodation, food, and other amenities. Since domestic tourism is extremely important for any country, it is of paramount importance to develop low-cost facilities for the promotion of tourism.

Indian Tourism Development Corporation (ITDC) and few other agencies are playing a significant role in tourism development.

Tourism today is a rapidly growing industry the world over. To ignore such a goose that lays golden eggs would be committing the folly of the gravest kind.

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